फाइनेंशियल टाइम्स ग्रुप की मासिक पत्रिका द बैंकर ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को सेंट्रल बैंक ऑफ द ईयर अवॉर्ड (2016) से सम्मानित किया है. यह अवॉर्ड उन केंद्रीय बैंकरों को प्रदान किया गया है जिन्होंने अपने देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने तथा वृद्धि को प्रोत्साहित करने में उल्लेखनीय योगदान किया.
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को और अधिकार देने की वकालत की है ताकि वे किसी प्रभावी दिवालिया कानून के अभाव में फंसे कर्ज से निपट सकें. फाइनेंशियल टाइम्स ग्रुप की मासिक पत्रिका द बैंकर ने उनके हवाले से कहा है, हमें बैंकों को फंसे कर्ज से निपटने का अधिकार देने की जरूरत है, क्योंकि भारत में प्रभावी दिवालिया या कॉरपोरेट समाधान प्रणाली नहीं है.
सितंबर के अंत तक सरकारी बैंकों का एनपीए करीब 3.14 लाख करोड़ रुपये तक था इसका बढ़ता स्तर वाकई चिंता का विषय है. इसके अलावा नए बैंकों को दिए जा रहे लाइसेंस के बारे में बताते हुए राजन ने कहा कि पुराने बैंकों को भी इनोवेटिव प्रोडक्ट देने होंगे.
राजन ने भारत की ग्रोथ रेट के बारे में कहा कि इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 7.4 की जीडीपी ग्रोथ रेट के साथ भारत सबसे तेजी से विकास करने वाली इकोनॉमी है.