भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें बढ़ा दी है. बैंक ने रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढाकर 7.50 फीसदी कर दिया है. रेपो रेट बढ़ने से सभी बैंक अपनी ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं और इससे आपकी ईएमआई भी बढ़ जाएगी. रिवर्स रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम ने सीआरआर (कैश रिजर्व रेश्यो) में कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार फीसदी पर ही बना कर रखा गया है.
रेपो रेट वह रेट है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है. वहीं आरबीआई के पास बैंकों की जमाराशि पर आरबीआई जिस दर से बैंकों को ब्याज देता है उसे रिवर्स रेपो कहते है.
रिजर्व बैंक के इस कदम से होम लोन और वाहन लोने के अलावा बाकी सभी लोन भी महंगे हो जाएंगे. भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन ने पहली बार मौद्रिक नीति की समीक्षा की है, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि रघुराम बाजार में जान डालने के लिए रेपो रेट में कमी ला सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं.
देशवासी महंगाई और महंगे ब्याज दर में राहत की उम्मीद कर रहे थे. बैंकों ने रिजर्व बैंक से नकदी बढ़ाने तथा इसे कम खर्चीला बनाने के लिए सिफारिश की थी, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ.
शेयर बाजार में भारी गिरावट
आरबीआई की नई नीति की घोषणा के साथ ही भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार को भारी गिरावट देखी गई. घोषणा के बाद बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का मुख्य संवेदी सूचकांक
सेंसेक्स 550 से भी ज्यादा अंक नीचे आ गया.रिवर्ज बैंक की घोषणा के बाद फंड्स और रिटेल निवेशकों ने बिकवाली शुरू कर दी.
आज रिजर्व बैंक ने अर्ध तिमाही समीक्षा की घोषणा की है. निवेशकों को उम्मीद थी कि आरबीआई कुछ ऐसे कदम उठा सकता है जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. निवेशकों के इस
उम्मीद से गुरूवार को सेंसेक्स अपने तीन साल के उच्चतम स्पर पर पहुच गया था. हालांकि रेपो रेट में वृद्धि के बाद इस उम्मीद पर पानी फिर गया है और बाजार ने अपनी प्रतिक्रिया
जाहिर कर दी है.सेंसेक्स जहां 550.10 अंकों की गिरावट के साथ 2096 के स्तर पर आ गया, वहीं निफ्टी भी 173.60 अंक गिरकर 5942 के स्तर पर कारोबार करने लगा.