बीते कुछ समय से रिजर्व बैंक ने अलग-अलग सरकारी, निजी या सहकारी बैंकों पर कई बड़ी कार्रवाई की है. आरबीआई की इस कार्रवाई में सार्वजनिक क्षेत्र का इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) भी शामिल है. हालांकि, अब इंडियन ओवरसीज बैंक को एक अच्छी खबर मिली है.
54 माह बाद मुनाफा
दरअसल, बैंक लगातार 18 तिमाहियों यानी 54 माह तक नुकसान में रहने के बाद मुनाफे में आया है. इससे पहले साल 2016 में बैंक को मुनाफा हुआ था. बैंक की ओर से जारी बयान के मुताबिक मार्च, 2020 को समाप्त चौथी तिमाही में 144 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है. फंसे कर्ज में उल्लेखनीय कमी और प्रावधान कम होने से बैंक को लाभ हुआ है. आईओबी के सीईओ कर्णम शेखर ने कहा कि बैंक ने अच्छा सुधार किया है और तिमाही के दौरान नुकसान को काबू में करने में सफल रहा है.
आगे भी जारी रहेगा सिलसिला
कर्णम शेखर ने कहा, ‘‘हम कर्ज की लागत कम करने में सफल रहे हैं. यानी प्रावधान कम हुआ है. इसके परिणामस्वरूप हम 144 करोड़ रुपये का लाभ कमा पाये. पिछली 18 तिमाहियों से हम केवल नुकसान उठा रहे थे.’’ शेखर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि लाभ एक बार का मामला है. बैंक इस प्रवृत्ति को आगे भी बरकरार रखेगा.
PCA नियम के दायरे में बैंक
बता दें कि बैंक फिलहाल रिजर्व बैंक के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) नियम के दायरे में है. इसके तहत बैंक को कामकाजी दक्षता बढ़ाने और पूंजी की हिफाजत पर जोर देने के लिए कहा जाता है. वहीं, इस दायरे में आने वाले बैंकों को कर्ज बांटने से भी रोक दिया जाता है.
ये पढ़ें—RBI ने इन बैंकों पर की कार्रवाई, लगाया करोड़ों का जुर्माना
हालांकि, सीईओ कर्णम शेखर ने कहा कि जून तिमाही के परिणाम के बाद आरबीआई को पत्र लिखकर पीसीए नियम के दायरे से बैंक को बाहर करने को कहा जाएगा.
एनपीए में सुधार हुआ
बैंक की सकल गैर-निष्पादित परंसपत्ति (एनपीए) में अच्छा-खासा सुधार हुआ है. 31 मार्च, 2020 को समाप्त तिमाही में यह घटकर कुल कर्ज के 14.78 प्रतिशत पर आ गयी, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 21.97 प्रतिशत थी. राशि के आधार पर बैंक का एनपीए आलोच्य तिमाही में 19,912.70 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में 33,398.12 करोड़ रुपये था.
कुल जमा में इजाफा
बैंक की कुल जमा 31 मार्च 2020 को बढ़कर 2,22,952 करोड़ रुपये हो गई जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2,22,534 करोड़ रुपये थी. मई अंत तक बैंक के करीब 32 प्रतिशत ग्राहकों ने कर्ज लौटाने के लिये रिजर्व बैंक द्वारा दी गयी मोहलत यानी मोरेटोरियम का लाभ उठाया है.