भारत के साथ अन्य देशों के व्यापार को बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अहम पहल की है. इस दिशा में गुरुवार को RBI के डिप्टी गवर्नर एचआर खान संकेत दिया कि भारतीय कंपनियों को विदेशों से रुपये में फंड जुटाने की प्रक्रिया को सरल करने जा रही है.
लंबे समय से निर्यातक मांग कर रहे थे कि RBI उनके लिए विदेशों से रुपये को वापस लाने के रास्ते को सरल कर दे. भारत के निर्यातकों का लगभग 15 अरब डॉलर प्रतिवर्ष का पेमेंट दूसरे मुल्कों में फंसा रहता है. ज्यादातर निर्यातकों को इस रकम को वापस भारत लाने में कड़े एंटी मनी लॉन्डरिंग कानून से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
देश के एक्सपोर्ट एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस आशय रिजर्व बैंक से अक्सर गुहार लगाई है और अब माना जा रहा है कि RBI बहुत जल्द इसके लिए बैंकों को दिशा निर्देश जारी कर सकती है.
गौरतलब है कि साल 2014 की अप्रैल की तुलना में अप्रैल 2015 में देश का निर्यात 14 फीसदी घटा है. निर्यात में यह गिरावट लगातार पिछले पांच महीने से कायम है और इससे प्रधानमंत्री मोदी के वित्त वर्ष 2015-16 में 8 फीसदी की विकास दर लेने के लक्ष्य को बड़ा झटका लग रहा है.