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नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है आरबीआई: बोफा-एमएल

दो फरवरी को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है. यह अनुमान वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा एमएल) का है.

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दो फरवरी को फिर घट सकती हैं ब्याज दरें
दो फरवरी को फिर घट सकती हैं ब्याज दरें

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एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक अपनी नीतिगत दर में कटौती के आखिरी दौर में प्रवेश कर रहा है. आरबीआई दो फरवरी को मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है.

इस वजह से होगी कटौती
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा एमएल) ने एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला है. इसके मुताबिक नीतिगत दर में कटौती संभव है क्योंकि मुद्रास्फीति जनवरी 2016 में आरबीआई के छह प्रतिशत के अनुमान के भीतर ही है.

दिसंबर में महंगाई दर 5.61%
बता दें कि दिसंबर में एक बार फिर रिटेल महंगाई दर में बढ़ोतरी देखने को मिली है. दिसंबर में सीपीआई यानी रिटेल महंगाई दर बढ़कर 5.61 फीसदी हो गई है. नवंबर में रिटेल महंगाई दर 5.41 फीसदी पर रही थी.

रेपो रेट में 0.25% की कटौती
रिपोर्ट में कहा गया है, हम इस अनुमान पर कायम हैं कि केंद्रीय बैंक दो फरवरी को रेपो रेट में चौथाई प्रतिशत की अंतिम कटौती कर सकता है. इसका अर्थ है कि आरबीआई अपने नीतिगत दर की कटौती आखिर दौर में पहुंच गया है.

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क्या है रेपो रेट
रेपो रेट ब्‍याज की वह दर होती है जिस दर पर रिजर्व बैंक कारोबार के लिए अन्‍य बैंकों की कर्ज देता है. फिलहाल रेपो रेट 6.75 फीसदी है.

क्या होता है फायदा
रेपो रेट में कमी तेजी से विकास में सहयोगी कर सकती है. रेपो रेट घटने से होम लोन सस्ता होने के आसार बढ़ जाते हैं. रेपो रेट घटने के बाद बैंकों से लोन की दरें भी कुछ हद तक कम हो जाती हैं. हालांकि यह कमी रेपो रेट में कमी के बराबर हो ऐसा जरूरी नहीं होता.

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