भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने बुधवार को भले ही रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन आम आदमी को एक तोहफा देने की तैयारी जरूर की है. आरबीआई ने कहा है कि वह कारोबारियों को मर्चेंट डिस्काउंट रेट को लेकर राहत देगा. इसके तहत कारोबारियों को मर्चेंट डिस्काउंट रेट कम देना पड़ सकता है. इसका सीधा फायदा आम आदमी को मिलेगा.
आरबीआई ने कहा है कि देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन खासकर डेबिट कार्ड से लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट को लेकर कारोबारियों को राहत दी जा रही है. आरबीआई के मुताबिक कारोबारियों पर उनकी कैटेगरी के हिसाब से चार्ज वसूला जाएगा.
इसका सीधा मतलब यह है कि बड़े कारोबारियों से ज्यादा चार्ज वसूला जा सकता है. वहीं छोटे कारोबारियों के लिए चार्जेस कम रखे जा सकते हैं. आरबीआई ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट को तय करने के तरीके में भी बदलाव करने के संकेत दिए हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि इससे छोटे कारोबारी भी डेबिट व क्रेडिट कार्ड से लेनदेन करने के लिए प्रेरित होंगे. इससे देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलेगा. आरबीआई के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष के दौरान डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन काफी तेजी से बढ़े हैं. केंद्रीय बैंक ने उम्मीद जताई है कि आगे भी इसमें रफ्तार रहेगी.
क्या होता है एमडीआर
मर्चेंट डिस्काउंट रेट वह रेट होता है, जो बैंक किसी भी दुकानदार अथवा कारोबारी से कार्ड पेमेंट सेवा के लिए लेता है. ज्यादातर कारोबारी एमडीआर चार्जेज का भार ग्राहकों डालते हैं और बैंकों को दी जाने वाली फीस का अपनी जेब पर भार कम करने के लिए ग्राहकों से भी इसके बूते फीस वसूलते हैं.
एमडीआर घटने से क्या होगा
अगर आने वाले दिनों में एमडीआर चार्जेज बैंक घटाते हैं, तो इसका फायदा आम आदमी को भी मिलेगा. एमडीआर चार्जेज कम होने से जब भी आप प्वाइंट ऑफ सेल्स मशीन से डेबिट कार्ड से लेनदेन करेंगे, तो आपको एक्स्ट्रा फीस कम या ना के बराबर भरनी पड़ेगी.