आरबीआई द्वारा ब्याज दर बढ़ाए जाने की घोषणा के साथ ही भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार को भारी गिरावट देखी गई. शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का मुख्य संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 382.93 अंक गिरकर 20263.71 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी भी 103.45 अंक गिरकर 6012.10 के स्तर पर बंद हुआ.
आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढा़ये जाने की घोषणा के साथ ही बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में 550 से भी ज्यादा अकों की गिरावट देखी गई, निफ्टी भी 173.60 अंक गिरकर 5,942 के स्तर पर आ गया था. हालांकि बाद में निवेशकों कॉन्फिडेंस और बाजार के सेंटिमेंट में थोड़ा सुधार देखने को मिला और बाजार ने कुछ हद तक वापसी की.
शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने अर्ध तिमाही समीक्षा की घोषणा की है. निवेशकों को उम्मीद थी कि आरबीआई कुछ ऐसे कदम उठा सकता है जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. निवेशकों की इस उम्मीद से गुरुवार को सेंसेक्स अपने तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था.
हालांकि रेपो रेट में वृद्धि के बाद इस उम्मीद पर पानी फिर गया है और बाजार ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर दी है. निवेशकों को डर है कि ब्याज दर बढ़ने से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी और ऐसे में भारतीय बाजारों में निवेश का उन्हें ज्यादा रिर्टन नहीं मिलेगा. ब्याज दरों में कमी आने से बाजार में मांग भी धीमी पड़ जाएगी, जिसका असर औधोगिक उत्पादन पर भी पड़ेगा.
रुपया कमजोर
रुपये में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार से ही कमजोरी देखने को मिली. शुक्रवार को रुपया 59 पैसे कमजोर होकर प्रति डॉलर 62.37 रुपये के स्तर पर आ गया. पिछले कुछ दिनों से रुपये में लगातार मजबूती देखने को मिल रही थी. गुरुवार को रुपये में डॉलर के मुकाबले 1.74 रुपये की मजबूती देखने को मिली थी.
सोना टूटा
सोने में भी मामूली गिरावट देखने को मिली. प्रति दस ग्राम सोने की कीमत 99 रुपये गिरकर 30,124 के स्तर पर आ गई. बुलियन बाजार के जानकारों के अनुसार कमजोर ग्लोबल सेंटिमेंट और प्रॉफिट बुकिंग की वजह से सोने में गिरावट देखने को मिली.