केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की दर कटौती से तरलता बढ़ेगी और आर्थिक विकास में तेजी आएगी. आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शर्मा ने कहा, 'यह एक सकारात्मक कदम है, जो तरलता बढ़ाएगा और आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक साबित होगा.'
आरबीआई ने मंगलवार को 2012-13 की तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा में नौ महीने के बाद पहली बार रेपो दर और नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में 25 आधार अंकों की कटौती की. इस कटौती से बैंकिंग प्रणाली में 18 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता का संचार होगा. लम्बे इंतजार के बाद हुई इस कटौती के बाद ताजा रेपो दर 7.75 फीसदी हो गई. इससे पहले रिजर्व बैंक ने अप्रैल 2012 में रेपो और रिवर्स रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती की थी.
रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को छोटी अवधि के कर्ज देता है. रेपो दर में कटौती के साथ ही रिवर्स रेपो दर भी घट कर 6.75 फीसदी हो गई. रिवर्स रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों से छोटी अवधि के लिए उधारी लेता है.
इस कदम से वाणिज्यिक बैंकों के लिए कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा और यदि इस लाभ को ग्राहकों तक भी पहुंचाया गया, तो बैंकों से आम लोगों को दिए जाने वाले आवास, वाहन तथा अन्य ऋणों पर लगने वाली ब्याज दरें भी सस्ती हो सकती हैं.
रिजर्व बैंक ने सीआरआर को भी 25 आधार अंक घटाकर 4.00 फीसदी कर दिया. यह बैंकों की कुल जमा का वह अनुपात होता है, जो उन्हें रिजर्व बैंक के पास रखना होता है. सीआरआर में इस कटौती से बाजार में 18 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता पैदा होगी. यहां साझेदारी सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे शर्मा ने कहा कि आरबीआई का कदम संतुलित है, और इससे विकास में तेजी की वापसी होने में मदद मिलेगी.