तमाम कयासों के बीच रिजर्व बैंक ने बुधवार को अपनी मॉनिटरी पॉलिसी समीक्षा में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. रिवर्स रेपो रेट 6.25 फीसदी पर बना हुआ है. आरबीआई के इस फैसले से उन लोगों को झटका लगा है जो EMI पर कटौती की उम्मीद कर रहे थे.
हालांकि लिक्विडिटी आउटफ्लो बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने SLR में 0.25 फीसदी की कटौती की है. SLR (स्टैच्यूरी लिक्विडिटी रेशियो) के तहत बैंकों को फिक्स्ड अमाउंट आरबीआई के पास रखना होता है. वहीं कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में केंद्रीय बैंक ने कोई बदलाव नहीं किया है.
इसके अलावा रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 7.5 फीसदी जताया है. अक्टूबर में हुई पिछली समीक्षा बैठक में भी रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.
जून और अगस्त बैठक में लगातार दो बार बढ़ाई थीं रेट
जून से केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों में लगातार दो बार वृद्धि की. उसके बाद अक्टूबर में बाजार की उम्मीदों के उलट केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलवान नहीं किया. रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों की वजह से मुद्रास्फीति दबाव के चलते उम्मीद की जा रही थी कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करेगा. उस समय रेपो दर को 6.50 फीसदी पर कायम रखा गया था.