रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) ने बुधवार को सभी अनुमानों के उलट ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई ने रेपो रेट को 7.75 फीसदी जबकि रिवर्स रेपो रेट 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा है. इससे जिन लोगों को ईएमआई बढ़ने की चिंता थी वो फिलहाल चैन की सांस ले सकते हैं.
हालांकि यह अनुमान लगाया जा रहा था कि खुदरा एवं थोक मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि के कारण आरबीआई अपनी तिमाही समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की एक और वृद्धि कर सकता है. दरअसल थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 7.52 फीसदी पर पहुंच गई जो कि 14 महीने का शीर्ष स्तर है. मुद्रास्फीति की इस वृद्धि में प्याज, टमाटर, आलू जैसे रोजमर्रा की खाने पीने की वस्तुओं के ऊंचे दाम का काफी योगदान रहा है.
दूसरी तरफ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक भी नौ महीने के उच्चस्तर तक पहुंचकर नवंबर में 11.24 फीसदी हो गया. इसके विपरीत औद्योगिक उत्पादन में अक्तूबर माह के दौरान 1.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में पिछले चार महीने में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है.