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आरबीआई इज नॉट चीयरलीडरः रघुराम राजन

मंगलवार को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करते हुए राजन ने कहा कि सभी बैंको को रेपो रेट में पिछले दिनों हुई सभी कटौती को ध्यान में रखते हुए अपने ब्याज दरों को कम करने की जरूरत है.

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भारतीय केन्द्रीय बैंक की मौद्रीक समीक्षा के बाद गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि देश में वास्तविक विकास दर आ रहे आर्थिक आंकड़ों से कमजोर हो सकते हैं क्योंकि अर्थव्यवस्था में डिमांड में कोई विशेष तेजी नहीं देखने को मिल रही है. इस दौरान राजन ने दो टूक कहा, ‘आरबीआई चीयरलीडर नहीं है. हम महंगाई, अर्थव्यवस्था, रुपये और अन्य आर्थिक आंकड़ों की सही तस्वीरें बताते हैं.’

मंगलवार को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करते हुए राजन ने कहा कि सभी बैंकों को रेपो रेट में पिछले दिनों हुई सभी कटौती को ध्यान में रखते हुए अपने ब्याज दरों को कम करने की जरूरत है.

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भारतीय रिजर्व बैंक मंगलवार को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के साथ साल 2015 में अबतक कुल 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर चुका है. इससे पहले केन्द्रीय बैंक ने 15 जनवरी 2015 और फिर 4 मार्च 2015 को भी 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी. गौरतलब है कि आरबीआई ने जनवरी 2014 में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा करने के बाद पूरे साल 8 फीसदी के दर पर बरकरार रखा था.

वहीं, इस साल हुए तीनों कटौती में जहां जनवरी में हुए इजाफे के बाद देश के बैंकों ने अपने ब्याज दर में कटौती नहीं की थी वहीं मार्च में रेपो रेट कम होने पर ज्यादातर बैंकों ने इसका फायदा ग्राहकों को बढ़ाया था. लिहाजा, आज की कटौती के बाद रघुराम राजन ने बैंको से अपील की कि वह पिछली सभी कटौतियों को ध्यान में रखते हुए अपने ब्याज दरों में उचित कटौती करें जिससे जमीनी स्तर पर इसका लाभ ग्राहकों को मिले और देश में चल रहे आर्थिक सुधार के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को तेज करने में मदद मिले.

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नए आर्थिक आंकड़ों से खुश नहीं आरबीआई
राजन के मुताबिक देश में सरकारी और निजी क्षेत्र से निवेश कम हो रहा है. लिहाजा पहले केन्द्र सरकार को अपना निवेश बढ़ाने की जरूरत है और इसके बाद ही निजी क्षेत्र से निवेश बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है. गौरतलब है कि हाल में आए कॉरपोरेट हाउसेज के चौथी तिमाही नतीजे कमजोर रहे हैं और कई अहम सेक्टर में कंपनियों की आय में कमी दर्ज हुई है.

राजन ने कहा कि पिछले हफ्ते आए 7.5 फीसदी के जीडीपी आंकड़े यह दिखा रहे हैं कि देश चीन के 7.0 फीसदी के विकास दर से तेज ग्रोथ कर रहा है. हालांकि राजन के मुताबिक इन आंकडों से एक्साइज टैक्स और सब्सिडी को कम कर दिया जाए तो देश का विकास दर आकर्षक नहीं रह जाता और यह बीते सालों से कम दिखाई देता है.

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