मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने ब्रिटेन की कंपनी बीपी पीएलसी के साथ मिलकर देश भर में 5500 पेट्रोल पम्प चलाने का निर्णय लिया है. दोनों के द्वारा अगले पांच साल में 4100 नए पेट्रोल पम्प खोले जाएंगे. दोनों के जॉइंट वेंचर के द्वारा देश में पेट्रोल पम्प खोलने के अलावा विमानों के ईंधन (ATF) सप्लाई का भी कारोबार किया जाएगा. उधर सरकार ने भी विदेशी कंपनियों को ज्यादा अवसर देने के लिए नियमों को और लचीला बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.
दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर बताया है, 'भारत में रिलायंस के मौजूदा ईंधन खुदरा नेटवर्क और एविएशन फ्यूल कारोबार को आगे बढ़ाते हुए दोनों साझेदार उम्मीद करते हैं कि यह वेंचर देश की तेजी से बढ़ती ऊर्जा और गतिशीलता की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा.'
रिलायंस की तरफ से चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी और बीपी की तफ से उसके ग्रुप सीईओ बॉब डुडले ने इस बारे में हुए एक एग्रीमेंट पर मंगलवार को दस्तखत किए. इस जॉइंट वेंचर में रिलायंस की हिस्सेदारी 51 फीसदी और बीपी की हिस्सेदारी 49 फीसदी है.
अभी रिलायंस के पास देश भर में 1400 पेट्रोल पम्प हैं. आरआईएल देश के 30 हवाई अड्डों पर एविएशन फ्यूल उपलब्ध कराता है. इस नेटवर्क को तेजी से बढ़ाते हुए अगले पांच साल में देश भर में दोनों कंपनियां मिलकर 5,500 पेट्रोल पम्पों की स्थापना करेंगी.
इस साझेदारी को लेकर दोनों कंपनियों में सहमति बन चुकी है और फाइनल समझौता इसी साल हो जाएगा. 2020 की पहली छमाही में सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
बीपी के ग्रुप मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बॉब डुडले ने कहा कि वर्ष 2020 तक भारत दुनिया के सबसे बड़ा ऊर्जा क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार हो जाएगा. बीपी यहां का एक बड़ा निवेशक है और यहां का बाजार आकर्षक, रणनीतिक और अवसरों से भरा है. हम रिलायंस के साथ मिलकर भारत के उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता का ईंधन और आधुनिक सेवाएं उपलब्ध कराएंगे.
नियमों को नरम बनाएगी सरकार
सरकार भी ईंधन की मार्केटिंग में विदेशी दिग्गज कंपनियों को एंट्री देने के लिए नियमों को लचीला बनाने की तैयारी कर रही है. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस बार में एक कैबिनेट प्रस्ताव तैयार किया है. अगर यह प्रस्ताव मंजूर हुआ तो सऊदी अरब के आरामको, टोटल, ट्रैफिगुरा जैसे विदेशी दिग्गजों के भारत में पेट्रोल पम्प कारोबार में उतरने का रास्ता खुल सकता है. यही नहीं, इससे तमाम सुपर मार्केट में भी पेट्रोल बेचने की इजाजत दी जा सकती है.