कोरोना वायरस महामारी के बीच रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक का 43,574 करोड़ रुपये का निवेश यह साबित करता है कि विदेशी कंपनियों को भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षमता और भविष्य में इसके विकास पर पूरा भरोसा है और यह संकट भारत के लिए एक अवसर के रूप में भी सामने आया है. भारत केंद्रित एक अमेरिकी बिजनेस एडवोकेसी ग्रुप ने यह बात कही है.
गौरतलब है कि कोरोना संकट के बीच अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी फेसबुक ने रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश का ऐलान किया है. दोनों दिग्गज कंपनियों में एक डील हुई है जिसके तहत रिलायंस समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में 43,574 करोड़ रुपये के निवेश से फेसबुक 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी.
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भरोसे की खबरें
इसी तरह एक खबर आई कि कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों का कोरोना की वजह से चीन पर भरोसा कम हुआ है और ऐसी करीब 300 कंपनियां अपना मैन्युफैक्चरिंग भारत लाने की तैयारी कर रही हैं. कोरोना वायरस के कारण चीन में विदेशी कंपनियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस माहौल में लगभग 1000 विदेशी कंपनियां भारत में एंट्री की सोच रही हैं. इनमें से करीब 300 कंपनियां भारत में फैक्ट्री लगाने को पूरी तरह से मूड बना चुकी हैं.
भारत के लिए अवसर
अमेरिका भारत रणनीतिक और साझेदारी मंच (USISPF) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि कोविड-19 संकट के चलते भारत को विदेशी निवेश जुटाने और दुनिया के विनिर्माण केंद्र के रूप में चीन की जगह लेने का एक बढ़िया मौका मिला है.'
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अघी ने कहा, 'मुझे पक्का भरोसा है कि एक बार जब कोविड-19 संकट खत्म हो जाएगा, तब भारत के पास सैकड़ों विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने का सबसे अच्छा मौका होगा. उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ रोजगार मिलेंगे, बल्कि निवेश भी आएगा और भारतीय अर्थव्यवस्था की गति तेज होगी.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच एक भारतीय कंपनी में फेसबुक के कई अरब डॉलर के निवेश से पता चलता है कि भारत अभी भी ई-कॉमर्स के लिए बेहद आकर्षक बाजार है. अघी ने कहा, 'फेसबुक और जियो के बीच साझेदारी न सिर्फ दोनों कंपनियों के हित में हैं, बल्कि इससे भारतीय नागरिकों और उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा. ये भारत की अर्थव्यवस्था और भविष्य में वृद्धि संभावनाओं पर विदेशी कंपनियों के विश्वास को भी दर्शाता है.'