अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है, और इससे वैश्विक मंदी तक आने की आशंका बन गई है. हालांकि, अब इस सिलसिले में अच्छे संकेत मिले रहे हैं. चीन अक्टूबर माह में अमेरिका से उच्च स्तरीय वार्ता करने के लिए तैयार हो गया है. चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि दोनों देश अक्टूबर की शुरुआत में वार्ता करने पर सहमत हुए हैं.
इसके पहले चीन के उप प्रधानमंत्री लिऊ ही और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर तथा अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन के बीच फोन पर बात हुई. इस कॉन्फ्रेंस कॉल में चीन के केंद्रीय बैंक के गवर्नर यी गांग भी शामिल हुए. अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय भी इस बातचीत की पुष्टि की है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, 'दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि मिलकर काम करना होगा और अच्छे वातावरण के निर्माण के लिए व्यावहारिक कदम उठाने होंगे. दोनों देशों की व्यापार टीम सितंबर यानी इस महीने के मध्य से ही वार्ता शुरू कर देगी और अक्टूबर में उच्च स्तरीय वार्ता होगी. इसके पहले अमेरिका की रिपब्लिक पार्टी के सांसद स्टीव डेनिस और डेविड परड्यू ने बीजिंग में उप-प्रधानमंत्री और व्यापार वार्ता में मुख्य वार्ताकार लिऊ ही से मुलाकात की थी.
दोनों देशों में बढ़ी थी तल्खी
नए ऐलान के मुताबिक अमेरिका ने रविवार से कई नई चीनी वस्तुओं पर 15 फीसदी ज्यादा आयात कर लगाना शुरू कर दिया है. इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी कच्चे तेल के आयात पर अतिरिक्त कर लगाए हैं. यही नहीं, चीन ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत भी की है. इसके अलावा अमेरिका ने यह भी ऐलान किया था कि वह 1 अक्टूबर से चीन के करीब 250 अरब डॉलर के आयात पर टैरिफ बढ़ाकर 25 से 30 फीसदी कर देगा.
चीन ने अमेरिका के कच्चे तेल पर 5 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया है. एक साल से चल रहे इस व्यापार युद्ध में पहली बार ऐसा हुआ है, जब क्रूड पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है.
ट्रंप ने दिया था कड़ा बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को यह चेतावनी दी थी कि अगर ट्रेड वॉर जारी रहा तो वह अपने दूसरे कार्यकाल में चीन के खिलाफ ज्यादा सख्त रुख अपना सकते हैं. चीन में 1 अक्टूबर को नेशनल डे मनाया जाएगा, इस वजह से वहां के नेता अभी काफी व्यस्त हैं.
फ्रांस के बियारिट्ज में आयोजित जी-7 समिट में ट्रंप ने कहा था कि वह तो चीन के सामान पर और टैरिफ लगाना चाहते थे और ऐसा न कर पाने का उन्हें पछतावा है. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि वह ट्रेड वॉर को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया था. अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने का चीन ने कड़ा विरोध किया था.