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RBI कर सकता है रेपो दर में कटौती, घटेगी ब्याज दर: HSBC

चालू वित्त वर्ष में महंगाई का यह निम्नतम स्तर न तो सतत रह सकता है और न ही इसके फिर से तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. इसलिए नीतिगत दरों में कटौती संभव है क्योंकि देश की मुद्रास्फीति के साथ अंतर सामान्य है. मुद्रास्फीति के नरम बने रहने की उम्मीद है और साथ ही खाद्यान्न की कीमतें भी घट रही हैं.

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आरबीई रेपो रेट
आरबीई रेपो रेट

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भारतीय रिजर्व बैंक के दो अगस्त को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को 0.25 फीसदी घटाने की उम्मीद है. एचएसबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके पीछे अहम कारण मुद्रास्फीति का 4फीसदी के नए सामान्य स्तर पर आना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मुद्रास्फीति में नाटकीय रुप से कमी आई है.

चालू वित्त वर्ष में महंगाई का यह निम्नतम स्तर न तो सतत रह सकता है और न ही इसके फिर से तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. इसलिए नीतिगत दरों में कटौती संभव है क्योंकि देश की मुद्रास्फीति के साथ अंतर सामान्य है. मुद्रास्फीति के नरम बने रहने की उम्मीद है और साथ ही खाद्यान्न की कीमतें भी घट रही हैं.

एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हमें उम्मीद है कि 2 अगस्त को समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी तक की कटौती आएगी और केंद्रीय बैंक अपनी तटस्थ स्थिति को बनाए रखेगा जो हमें लगता है कि दरों में कटौती के साथ सामंजस्य बिठाती है.

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