आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 8 फीसदी पर स्थिर है. सीआरआर 4 फीसदी पर ही बना हुआ है. रिवर्स रेपो रेट 7 फीसदी, बैंक रेट 9 फीसदी पर कायम हैं.
आरबीआई ने एसएलआर में 0.5 प्रतिशत की कटौती की जो पहले 23 प्रतिशत थी. आरबीआई का अनुमान है कि 2014-15 में आर्थिक वृद्धि दर हल्की बढ़कर 5-6 प्रतिशत रहेगी. एसएलआर में कटौती 14 जून से लागू होगी. आरबीआई खुदरा मुद्रास्फीति को जनवरी 2015 तक 8 प्रतिशत और 2016 तक 6 प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य पर कायम है. यह नई सरकार के गठन के बाद रिजर्व बैंक की पहली नीतिगत समीक्षा थी. आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन अपने महंगाई विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं.
उन्होंने पहली अप्रैल की समीक्षा में नीतिगत दरों को आठ प्रतिशत पर अपरिवर्तित बनाए रखा था. उन्होंने शुक्रवार को टोक्यो में संवाददाताओं से बातचीत में संकेत दिया था कि सरकार और आरबीआई दोनों ने कमजोर वृद्धि दर के बावजूद महंगाई को नीचे लाने की जरूरत पर जोर दिया है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि महंगाई नियंत्रण की आरबीआई गवर्नर की प्राथमिकता नई सरकार के वृद्धि समर्थक रुख से टकरा सकती है, जो कि ऋण को आसान बनाने पर जोर दे रही है. ऐसे वातावरण में राजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले ही मुलाकात कर चुके हैं.
नए वित्त मंत्री से मुलाकात के बाद राजन ने संवाददाताओं से कहा था कि वृद्धि और महंगाई के बीच संतुलन बनाए रखने को लेकर सरकार और आरबीआई का रुख समान है.