भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच चल रही तनातनी बढ़ती ही जा रही है. इस बीच, ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार ने आरबीआई एक्ट के 'सेक्शन 7' को लागू कर दिया है. पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रिपोर्ट्स का हवाला देकर लिखा है कि अगर सरकार ने इस सेक्शन को लागू किया है, तो आज और भी बुरी खबर आ सकती हैं.
पी. चिंदबरम ने आरबीआई और सरकार के बीच पनपे तनाव को लेकर बुधवार को लगातार दो ट्वीट किए हैं. पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा है, '' जैसे कि रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सरकार ने आरबीआई एक्ट के सेक्शन 7 को लागू कर दिया है. जिसके तहत केंद्र की तरफ से केंद्रीय बैंक को निर्देश भेजे गए हैं. इससे मुझे डर है कि आज और भी बुरी खबरें आएंगी.''
If, as reported, Government has invoked Section 7 of the RBI Act and issued unprecedented ‘directions’ to the RBI, I am afraid there will be more bad news today
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 31, 2018
उन्होंने एक और ट्वीट किया. इसमें उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा कि हमने न ही 1991 में, न 1997 में और न ही 2008 व 2013 में इस सेक्शन को लागू किया था. इस प्रावधान को अब लागू करने की क्या जरूरत है? ये कदम दिखाता है कि सरकार इकोनॉमी को लेकर कुछ तथ्य छुपा रही है.
We did not invoke Section 7 in 1991 or 1997 or 2008 or 2013. What is the need to invoke the provision now? It shows that government is hiding facts about the economy and is desperate
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 31, 2018
क्या है सेक्शन 7?
भारतीय रिजर्व बैंक एक्ट का सेक्शन 7 सरकार को एक खास पावर देता है. आरबीआई एक्ट के मुताबिक इस सेक्शन के तहत सरकार गवर्नर को निर्देश दे सकती है. उनके साथ विचार-विमर्श कर सकती है. ऐसा सरकार उन मामलों में कर सकती है, जो उसे गंभीर और आम जनता के हक की खातिर उठाना जरूरी लगता है. मीडिया रिपोर्ट्स अगर सही हुईं, तो स्वतंत्र भारत में यह पहली बार होगा, जब इस सेक्शन को लागू किया गया हो.
ये है पूरा मामला:
बता दें कि 26 अक्टूबर को विरल आचार्य ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में बयान दिया था. इसमें उन्होंने केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को लेकर बात की थी. उन्होंने कहा था, ''अगर केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता से समझौता हुआ तो उसके गंभीर नतीजे होंगे. उन्होंने कहा था कि इससे पूंजी बाजार में बड़ा संकट पैदा हो सकता है.