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कच्चे तेल और MSP का असर, ब्याज दरों में RBI नहीं देगा राहत!

इकोनॉमी के सामने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और बेलगाम महंगाई की चुनौती बनी हुई है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस चुनौती से निपटने की खातिर केंद्रीय बैंक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला ले सकता है. आरबीआई मौद्रिक नीति समिति कल रेपो रेट को लेकर घोषणा करेगी.

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आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल (File Photo)
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल (File Photo)

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भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति की बैठक सोमवार से शुरू हो चुकी है. जून की तरह ही इस बार भी यह बैठक तीन दिन तक चलेगी. हालांकि इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं की जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और सरकार की तरफ से किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने का असर आरबीआई के फैसले पर दिखेगा.  

विशेषज्ञों का मानना है क‍ि बुधवार को आरबीआई मौद्रिक नीति समिति की तरफ से रेपो रेट में कोई बदलाव किए जाने की संभावना ना के बराबर है. बता दें कि जून में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस बढ़‍त के साथ रेपो रेट 6.25 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया था.

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कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और एमएसपी बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद खुदरा महंगाई भी 5 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंची है. जून में आई इस बढ़त के लिए तेल की कीमतों में आ रहा उछाल ही जिम्मेदार रहा.

भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के मुताबिक आरबीआई इस मी‍ट‍िंग में दरें नहीं बदलने का फैसला ले सकता है. एसबीआई ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में कहा कि वैसे तो रेपो रेट में बढ़ोतरी का विकल्प अपनाया जाना ही इस समय बेहतर था. लेक‍िन इसके बावजूद हमें लगता है कि आरबीआई रेपो रेट में न कोई बढ़ोतरी करेगा और न ही इसमें कोई कटौती ही करेगा.

एडेलवीस सिक्योरिटीज ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा कि इस पॉलिसी रिव्यू में हमें लगता है कि मौद्रिक नीति समिति तटस्थत स्थिति अपनाएगी और रेट्स में कोई बदलाव नहीं करेगी.

हालांकि ग्लोबल फाइनेंस सर्विस मेजर डीबीएस का मानना है कि इस बैठक में आरबीआई रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. आरबीआई 1 अगस्त को रेपो रेट की घोषणा करेगा. 

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