खुदरा मुद्रास्फीति में लगातार पांचवें महीने बढ़ोतरी का रुख रहा. फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 10.91 प्रतिशत पहुंच गई. सब्जियों, खाद्य तेल, अनाज और प्रोटीनयुक्त वस्तुओं की कीमत बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ी.
जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति 10.79 प्रतिशत थी. दिसबर में खुदरा मुद्रास्फीति दहाई अंक का स्तर पार कर 10.56 प्रतिशत रही थी, जबकि नवंबर में यह 9.90 प्रतिशत थी.
मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल दर साल आधार पर फरवरी में सबसे अधिक 21.29 प्रतिशत की मूल्यवृद्धि सब्जी में दर्ज की गई. इसके बाद, खाद्यान्न की कीमत में 17.04 प्रतिशत, अंडा, मांस और मछली की कीमत 15.72 प्रतिशत बढ़ी. तेल और वसा खंड की मुद्रास्फीति 14.56 प्रतिशत रही. इनके अलावा, समीक्षाधीन माह में दलहन 12.39 प्रतिशत महंगा हुआ, जबकि चीनी की कीमत में 12.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस दौरान कपड़े और जूते-चप्पल 10.87 प्रतिशत महंगे हुए.
शहरी इलाकों में फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 10.84 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 10.73 प्रतिशत थी. वहीं ग्रामीण आबादी के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 11.01 प्रतिशत पहुंच गई जो जनवरी में 10.88 प्रतिशत थी.
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े बृहस्पतिवार को जारी किए जाने की संभावना है. जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 6.62 प्रतिशत रही जो रिजर्व बैंक के 5-6 प्रतिशत के आरामदायक स्तर के अनुमान से काफी ज्यादा है.