बैंक के एटीएम से महीने में सिर्फ पांच ट्रांजैक्शन मुफ्त करने के प्रस्ताव को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती ने ऑल इंडिया बैंक्स एसोसियेशन को आड़े हाथ लिया है. आरबीआई के डिप्टी गर्वनर ने कहा कि अगर बैंक ऐसा करते हैं तो यह एक हास्यास्पद और बेतुका फैसला होगा.
एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'अगर कोई बैंक उपभोक्ता से अपने ही एटीएम से पैसा निकालने के लिए चार्ज करे तो इससे ज्यादा हास्यास्पद क्या हो सकता है? ऐसा दुनिया में और कहीं नहीं होता है.
उन्होंने आगे कहा, 'अगर पैसा निकालने की प्रक्रिया में इतना खर्च आता है तो बैंक अपने ब्रांचों में भी पैसा निकालने पर चार्ज लगा दें. इसलिए मैं और बैंक खोले जाने के पक्ष में हूं. बाजार में प्रतिस्पर्धा कम है इसलिए बैंकवाले बेतुकी बातें कर रहे हैं. ज्यादा बैंक खुलेंगे तो इस तरह की खामियां सिस्टम से दूर होंगी.'
दरअसल, अंग्रेजी समाचार पत्र द टाइम्स ऑफ इंडिया में 7 जनवरी को एक खबर छपी थी जिसके मुताबिक इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने प्रस्ताव दिया है कि अब हर महीने सिर्फ पांच बार मुफ्त ट्रांजैक्शन की इजाजत हो, चाहे वह वह अपने खाते से ही पैसे निकाल रहा हो या कुछ और. बैंकों को यह कदम इसलिए उठाना पड़ रहा है कि उन्हें एटीएम पर सिक्योरिटी गार्ड रखने पड़ रहे हैं जिससे उनका खर्च बढ़ गया है. इसके अलावा उन्हें और भी सीसीटीवी लगाने होंगे.
बेंगलुरु में एक एटीएम में एक महिला पर हुए हमले के बाद से एटीएम में सुरक्षा और कड़ी की जा रही है. इतना ही नहीं अभी तक ग्राहक द्वारा दूसरे बैंकों के एटीएम इस्तेमाल करने पर वह बैंक उसे 15 रुपये देता था लेकिन यह राशि अब बढ़ाकर 18 रुपये करने का प्रस्ताव है. दूसरे बैंकों के एटीएम से आप 10,000 रुपये तक निकाल सकते हैं.