रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पेमेंट बैंक लाइसेंस के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ गठबंधन कर आवेदन किया है. उसके इस कारोबार में एसबीआई 30 फीसदी का हिस्सेदार होगा.
एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंकिंग नेटवर्क है जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज देश भर में खुदरा कारोबार करने के साथ-साथ दूरसंचार नेटवर्क को स्थापित करने में लगी है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और एसबीआई ने पेमेंट बैंक स्थापित करने के लिये संयुक्त रूप से आवेदन किया है. जहां एक और बैंक पैसे जमा करती है और कर्ज देती है वहीं पेमेंट बैंक केवल पैसे भेजने और जमा प्राप्त करने का काम कर सकेंगे वो कर्ज नहीं दे सकते. इसके लिए आवेदन देने की सोमवार को अंतिम तारीख थी.
इसके जरिए जहां क्रेडिट अकाउंड सेविंग अकाउंट (कासा) को मोबिलाइज करने में फायदा पहुंचेगा वहीं इस मर्जर का सीधा लाभ जहां दूर दराज गांव के लोगों को मिलेगा साथ ही महिलाएं भी इससे लाभान्वित होंगी. इतना ही नहीं इस सुविधा का टेलीकॉम सेक्टर को भी बहुत फायदा होने का अनुमान है क्योंकि इसके जरिए उनके पास भी पैसा आएगा. एयरटेल भारती पहले ही इसके लिए आवेदन कर चुकी है.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसके इस संयुक्त उद्यम में देश के सबसे बड़ा बैंक एसबीआई की 30 फीसदी हिस्सेदारी होगी. रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रवर्तक होगी और उसके पास 70 फीसदी हिस्सेदारी होगी. एसबीआई कमर्शियल बैंक होने के नाते भुगतान बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं दे सकता. बयान के अनुसार गठजोड़ रिजर्व बैंक द्वारा जारी भुगतान बैंक के लिये दिशानिर्देश के अनुरूप है. इस गठजोड़ से भारत की फॉच्यून-500 कंपनियों में शामिल दो बड़ी इकाईयां साथ आई हैं जो भारत आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव लाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.’ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने संयुक्त उद्यम में निवेश या निदेशक मंडल की संरचना के बारे में कुछ नहीं बताया.
आरआईएल के पास 4जी दूरसंचार लाइसेंस है और उसकी देश के सभी राज्यों में टेलीफोन तथा ब्राडबैंड सेवाएं देने की योजना है. साथ ही 166 शहरों में उसकी 2,300 खुदरा दुकानें हैं. वहीं दूसरी तरफ एसबीआई की 15,869 शाखाएं और 43,515 एटीएम हैं.