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बिजली सेक्टर पर सरकार का फोकस, बजट में घोषित हो सकती है नई उदय योजना

बिजली वितरण कंपनियों के नुकसान को 15 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य रखते हुए आर के सिंह ने कहा कि राज्यों को सब्सिडी के बारे में निर्णय करना होगा.

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सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही बिजली की मांग बढ़ने वाली है
सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही बिजली की मांग बढ़ने वाली है

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  • नई उदय योजना की आगामी बजट में घोषणा की जा सकती है
  • सरकार का दावा है कि बड़े शहरों में 23-24 घंटे मिल रही है बिजली

बिजली मंत्री आर के सिंह ने सोमवार को कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को वित्तीय रूप से पटरी पर लाने की उदय (उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना) योजना सफल रही है और इससे बिजली वितरण कंपनियों का नुकसान कम हुआ है. उन्होंने कहा कि इसमें और सुधार लाते हुए नई उदय योजना की आगामी बजट में घोषणा की जा सकती है.

वित्त मंत्री एक फरवरी को 2020-21 का बजट पेश करेंगी. पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) के 75 करोड़ डॉलर के अंतरराष्ट्रीय बांड के एनएसई आईएफएसी गिफ्ट सिटी में सूचीबद्ध होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आर के सिंह ने अलग से बातचीत में कहा, 'हमने वित्त मंत्रालय की नई उदय योजना के बारे में चर्चा की है, हमें बजट में इसकी घोषणा की उम्मीद है.'

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गांव-गांव में बिजली पहुंचाने का दावा

देश में बिजली उपलब्धता के बारे में उन्होंने कहा, 'अभी बड़े शहरों में 23-24 घंटे बिजली मिल रही है जबकि छोटे शहरों में यह 22 घंटे और गांव में 18 से 20 घंटे बिजली उपलब्धता है, हमें इसे 24 घंटे तक पहुंचाना है.' उन्होंने यह भी संकेत दिया कि पूर्व में कई योजनाओं की जगह अब एक-दो योजना ही होगी और सरकार इन्हीं के जरिये अपना काम करेगी. मंत्री ने यह भी कहा कि राज्यों को केंद्र से बिजली क्षेत्र से जुड़े सभी लाभ प्राप्त करने के लिये नुकसान को कम करना होगा.

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बिजली वितरण कंपनियों के नुकसान को 15 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य रखते हुए आर के सिंह ने कहा कि राज्यों को सब्सिडी के बारे में निर्णय करना होगा. उन्होंने कहा, 'उदय योजना विफल नहीं हुई है, हमने वितरण कंपनियों का नुकसान औसतन 22 फीसदी से कम कर करीब 18 प्रतिशत पर लाया है. इसे 15 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य है.'

बिजली की मांग बढ़ने की उम्मीद

पिछले साल अगस्त में केंद्र ने बिजली वितरण कंपनियों द्वारा बिजली खरीद के लिये साख पत्र उपलब्ध कराने को अनिवार्य कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि हमारी बिजली की प्रति व्यक्ति खपत वैश्विक औसत की एक तिहाई है और जिस तरीके से घर-घर बिजली पहुंची है, आने वाले समय में गांवों में एयर कंडीशनर, रेफ्रीजिरेटर जैसे उपकरणों की खरीद होगी, उससे बिजली की मांग बढ़ने वाली है.

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इस बीच, पीएफसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राजीव शर्मा ने कहा कि कंपनी ने एकबारगी जुटाये गये सबसे बड़े बांड निर्गम को सूचीबद्ध किया है. कंपनी के कुल 75 करोड़ डॉलर मूल्य के अंतरराष्ट्रीय बांड को एनएसई, आईएफएससी गिफ्ट सिटी में सूचीबद्ध किया गया है. उनके अनुसार इस बांड के बाद पीएफसी का विदेशी मुद्रा में कर्ज 6 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया.

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