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कल रात से विक्रम कोठारी के घर मौजूद है सीबीआई, बैंकों को लगाई 3700 करोड़ की चपत

सीबीआई की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि बैंक से लोन लेकर वापस ना देने का ये खेल रोटोमैक कंपनी पिछले 10 साल से खेल रही है. जांच एजेंसी ने ये भी बताया कि बैंकों से जिस काम के लिए कंपनी को लोन जारी किया गया था, उसका इस्तेमाल वहां किया ही नहीं गया.

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पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के बाद देश के सामने पैसे के गबन का एक और मामला सामने आया है. कानपुर की मशहूर पैन कंपनी रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी पर कई बैंकों के लगभग 3700 करोड़ रुपए गटक जाने का आरोप है. जिसके बाद रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी, साधना कोठारी और राहुल कोठारी समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. सीबीआई ने सोमवार को कोठारी के ठिकानों पर छापेमारी की, उन्हें हिरासत में लेकर घंटों पूछताछ भी की.

सीबीआई की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि बैंक से लोन लेकर वापस ना देने का ये खेल रोटोमैक कंपनी पिछले 10 साल से खेल रही है. जांच एजेंसी ने ये भी बताया कि बैंकों से जिस काम के लिए कंपनी को लोन जारी किया गया था, उसका इस्तेमाल वहां किया ही नहीं गया.

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कोठारी मामले की बड़ी बातें - 

- सोमवार रात से ही सीबीआई की टीम विक्रम कोठारी के घर में मौजूद है, कल से ही लगातार पूछताछ जारी है.

- पुलिस ने किसी को भी घर में आने की इजाजत नहीं दी है.

- देर रात कानपुर में विक्रम कोठारी के आवास पर पहुंची पुलिस की टीम, मीडियाकर्मियों को अंतर जाने से रोका

-विक्रम कोठारी समेत कंपनी के तीन डायरेक्टरों से भी हुई पूछताछ, कानपुर में कई ठिकानों पर छापेमारी

- कानपुर में कोठारी के तीन ठिकानों पर सीबीआई का छापा, दिल्ली में एक घर और रोटोमैक के डायरेक्टर का दफ्तर सील

-सीबीआई सूत्रों के मुताबिक- रोटोमैक कंपनी ने फर्जी और गलत दस्तावेज इस्तेमाल कर बैंकों से लिए पैसे

सीबीआई को अब तक 36 95 करोड़ के बैंक लोन का पता चला है जो अलग-अलग बैंकों से लिया गया है रोटोमैक कंपनी के मालिक ने उसे नहीं चुकाया है.

सिंगापुर से दिखाया गेहूं का ऑर्डर

CBI ने बताया है कि रोटोमैक कंपनी को सिंगापुर से एक ऑर्डर मिला था. जिसके तहत उसे वहां बरगाडिया ब्रदर्स लिमिटेड कंपनी को गेहूं एक्सपोर्ट करना था. लेकिन ऐसा कोई एक्सपोर्ट किया ही नहीं गया. इसके बाद सिंगापुर स्थित बरगाडिया ब्रदर्स कंपनी ने रोटोमैक को पैसा वापस भेज दिया.

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जांच में ये बात सामने आई है कि कोठारी की कंपनी ने बैंक लोन का गलत तरीके से इस्तेमाल किया. साथ ही फेमा गाइडलाइंस का भी उल्लंघन किया. ये बात भी सामने आई है कि रोटोमैक कंपनी का लेन-देन चुनिंदा खरीददारों और विक्रेता कंपनियों के साथ पाया गया है.

गौरतलब है कि विक्रम कोठारी पर बैंक ऑफ बड़ौदा समेत सात बैंकों से 2919 करोड़ का कर्ज लेकर गटक जाने का आरोप है. इस रकम पर ब्याज लगाकर कर जोड़ा जाए तो कोठारी पर सात बैंकों की कुल देनदारी 3695 करोड़ रुपये बैठती है.

इन बैंकों की राशि है बकाया -

बैंक ऑफ इंडिया- 754.77 करोड़

बैंक ऑफ बड़ौदा- 456.63 करोड़

इंडियन ओरवसीज बैंक- 771.77 करोड़

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया- 458.95 करोड़

इलाहाबाद बैंक- 330.68 करोड़

बैंक ऑफ महाराष्ट्र- 49.82 करोड़

ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स- 97.47 करोड़

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