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राज्यों को खनिजों से मिलने वाली रॉयल्टी में 41 प्रतिशत तक इजाफा

खनिजों पर मिलने वाली रॉयल्टी में बढ़ोतरी से ओडिशा, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड जैसे खनिज संसाधन से भरपूर राज्यों को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लौह अयस्क और बॉक्साइट सहित अन्य खनिजों पर रॉयल्टी दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

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खनिज संपदा वाले राज्यों को होगा भरपूर फायदा
खनिज संपदा वाले राज्यों को होगा भरपूर फायदा

खनिजों पर मिलने वाली रॉयल्टी में बढ़ोतरी से ओडिशा, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड जैसे खनिज संसाधन से भरपूर राज्यों को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लौह अयस्क और बॉक्साइट सहित अन्य खनिजों पर रॉयल्टी दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस बहुप्रतीक्षित निर्णय से खनिज से मालामाल राज्यों को मिलने वाली रॉयल्टी 41 प्रतिशत बढ़कर 13,274 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है, जो 2011-12 में 9,406 करोड़ रुपये थी. इन राज्यों के मुख्यमंत्री लंबे समय से रॉयल्टी दरें बढ़ाये जाने की मांग कर रहे थे. बयान के अनुसार, ‘सबसे फायदे में रहने वाले वे राज्य हैं, जहां जनजातीय आबादी अधिक है. इस फैसले से जहां झारखंड को मिलने वाली रॉयल्टी 645.91 करोड़ रुपये से बढ़कर 944.38 करोड़ रुपये हो जाएगी, वहीं छत्तीसगढ़ का राजस्व बढ़कर 1,976 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है, जो पहले 1,346.31 करोड़ रुपये था.’

चार्ट में देखें, किस राज्य को होगा कितना फायदा...

ओडिशा की रॉयल्टी 3,249.54 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,880 करोड़ रुपये, जबकि जम्मू-कश्मीर का राजस्व 1.59 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.97 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. वहीं महाराष्ट्र का राजस्व 136.38 करोड़ रुपये से बढ़कर 177.29 करोड़ रुपये हो जाएगा. बयान में कहा गया है, ‘1987 से रॉयल्टी की संशोधित दरों का लाभ पश्चिम बंगाल को नहीं मिल रहा था, क्योंकि वह खनिज संपदा वाली जमीन पर उपकर लगाता है और मामला विभिन्न अदालतों में चल रहा है. हालांकि अध्ययन समूह ने संशोधित दरें सभी राज्यों (पश्चिम बंगाल), केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू करने की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने मान लिया.

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खनिज रॉयल्टी दरों में वृद्धि पर राज्यों की प्रतिक्रियाएं
खनिजों पर मिलने वाली रॉयल्टी की दरें बढ़ाए जाने का जहां छत्तीसगढ़ ने स्वागत किया है. वहीं झारखंड ने कहा कि रायल्टी दरों में वृद्धि बहुत कम की गई है. दूसरी तरफ गोवा सरकार ने हल्की गुणवत्ता वाले लौह अयस्क की रायल्टी दरों में वृद्धि को वापस लेने की मांग की है.

खनिजों की रॉयल्टी बढ़ाने को लेकर लिए गए इस फैसले का छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने स्वागत किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है. छत्तीसगढ़ के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के अनुरोध पर केन्द्र सरकार ने लौह अयस्क की रायल्टी दरों को विक्रय मूल्य के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क सहित विभिन्न प्रकार के खनिजों से मिलने वाले वाषिर्क राजस्व में भारी वृद्घि होने की संभावना है.

केन्द्र के इस फैसले का लाभ देश के अन्य लौह अयस्क उत्पादक राज्यों को भी मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री की मौजूदगी में कहा कि लौह अयस्क और कुछ अन्य खनिजों पर रायल्टी में पांच प्रतिशत वृद्धि 'ऊंट के मुंह में जीरा' जैसी है. उन्होंने कोयले की रॉयल्टी में भी वृद्धि की मांग करते हुए कहा कि राज्य में सबसे अधिक कोयले का खनन होता है.

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झारखंड के मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा लौह अयस्क व क्रोमाइट की रॉयल्टी पांच प्रतिशत बढ़ाकर 15 प्रतिशत किए जाने को बहुत कम बताया और कहा कि इनकी रॉयल्टी में और बढ़ोत्तरी होनी चाहिए थी. साथ ही हेमंत ने कहा कि झारखंड में देश का सर्वाधिक कोयला उत्पादन होता है, लिहाजा केन्द्र सरकार को सबसे पहले कोयले की रॉयल्टी में वृद्धि करनी चाहिए थी.

इस बीच, गोवा सरकार ने हल्की गुणवत्ता वाले लौह अयस्क पर बढ़ायी गयी रॉयल्टी दरों को वापस लेने की मांग करने का निर्णय किया है. मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने विधानसभा में कहा कि हल्की गुणवत्ता वाले लौह अयस्क (58 प्रतिशत से कम एफई) पर रॉयल्टी दर 10 प्रतिशत तथा उच्च ग्रेड वाले लौह अयस्क पर 15 प्रतिशत होनी चाहिए.

 राज्यों को लिखी गई केंद्र की चिट्ठी

इस बीच, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस बहु-प्रतीक्षित निर्णय से ओडिशा, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड जैसे खनिज से मालामाल राज्यों को मिलने वाली रॉयल्टी 41 प्रतिशत बढ़कर 13,274 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है जो 2011-12 में 9,406 करोड़ रुपये थी.

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