केंद्र सरकार इस साल चार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. सरकार ने शेयर बाजार में सूचीबद्धता के लिए 4 बैंकों की पहचान कर ली है. यह सरकार द्वारा 2018 -19 के आम बजट में की गई घोषणा के अनुरूप है. सूत्रों के मुताबिक लिस्टिंग के लिए गाइडलाइन्स लगभग तैयार हैं और पब्लिक इश्यू इसी साल आ सकता है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट भाषण में ग्रामीण बैंकों का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि ग्रामीण बैंकों शेयर बाजार में लाने का लक्ष्य बाजार से पूंजी जुटाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है. आरआरबी को मजबूत करने के लिए कुछ सुधार लाये गए हैं. इसमें कंपनी संचालन, तकनीक उन्नतिकरण और क्षमता निर्माण शामिल है.
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा मार्च 2017 के लिए जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 56 आरआरबी हैं, जिनकी संयुक्त बैलेंस शीट 4.7 लाख करोड़ रुपये है. इनमें से 50 आरआरबी फिलहाल लाभ में चल रहे हैं. आरआरबी की शाखाओं की संख्या 21, 200 है और 2016-17 में इनका लाभ 17 फीसदी बढ़ा है.
इन बैंकों की स्थापना आरआरबी एक्ट , 1976 के तहत की गई है. इनका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसान, कृषि मजदूर और दस्तकारों को कर्ज देना और अन्य वित्तीय सुविधाएं मुहैया कराना है.
इस कानून में 2015 में संशोधन किया गया. इस संशोधन के मुताबिक इन बैंकों को केंद्र, राज्यों और प्रायोजिक बैंकों से पूंजी जुटाने की अनुमति मिली. वर्तमान में आरआरबी बैंकों में केंद्र की 50 प्रतिशत, प्रायोजित बैंकों की 35 फीसदी और राज्यों की 15 फीसदी की हिस्सेदारी है.