लगभग एक अरब डॉलर जेब में रखकर फ्लिपकार्ट से बाहर निकल गए सचिन बंसल ने अब एक कंपनी की 94 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है. उन्होंने बेंगलुरू स्थित मुख्यालय वाली कंपनी चैतन्य रूरल इंटरमीडिएशन डेवलपमेंट सर्विसेज (सीआरआईडीएस) में 740 करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है.
फ्लिपकार्ट के पूर्व सीईओ और सह-संस्थापक माइक्रो-फाइनेंस कंपनी सीआरआईडीएस के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) का पदभार संभालेंगे. बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी गई.
ग्रामीण इलाकों में कर्ज देती है कंपनी
सीआरआईडीएस की स्थापना 2012 में एक एनबीएफसी के रूप में की गई थी, ताकि देश की ग्रामीण आबादी की वित्तीय जरूरतों को पूरा किया जा सके. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक यह कंपनी कर्नाटक, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में ग्रामीण समुदायों में कर्ज बांटती है और वित्तीय साक्षरता अभियान चलाती है.
सीआरआईडीएस के सह-संस्थापक समित शेट्टी और आनंद राव अपनी भूमिकाओं में बने रहेंगे. बंसल ने एक बयान में कहा, 'इस अधिग्रहण के साथ हम वित्तीय सेवाओं में प्रवेश कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'समित और आनंद ने एक अच्छी कंपनी बनाई है, जो उन लोगों को कर्ज देती है, जिनकी औपचारिक वित्त तक पहुंच नहीं है. मैं समित और आनंद के साथ मिलकर काम करने और उनके द्वारा किए गए काम को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हूं.'
गौरतलब है कि सचिन बंसल ने वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट को खरीदने के बाद अपनी 5.5 फीसदी हिस्सेदारी एक अरब डॉलर में बेच दी थी. इसके साथ ही फ्लिपकार्ट के साथ उनका सफर खत्म हो गया. रेवेन्यू के आधार पर दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी वॉलमार्ट ने भारतीय ई-रिटेल दिग्गज फ्लिपकार्ट को खरीद लिया था.
इस डील को दोनों कंपनियों ने 16 बिलियन डॉलर (1,07200 करोड़) पर तय किया. इसके बाद फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल ने कंपनी में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.