देश में अमूमन हर दूसरे मोबाइल यूजर के हाथ में एक स्मार्टफोन का होना अब आम हो गया है. बाजार में स्मार्टफोन की मांग अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते साल देश में 4.4 करोड़ स्मार्टफोन की बिक्री हुई है. खास बात यह भी है कि घरेलू कंपनियों के कारण स्मार्टफोन की बिक्री में तीन गुना इजाफा हुआ है.
फोन बाजार की इस तेजी में सबसे बड़ा योगदान माइक्रोमैक्स व कार्बन का है जिनके सस्ते स्मार्टफोन ने मोबाइल यूजर में जबरदस्त उत्साह लाया है. अनुसंधान फर्म आईडीसी के मुताबिक, साल 2012 में देश में 1.62 यूनिट स्मार्टफोन की बिक्री हुई थी. आईडीसी ने अपने एक बयान में कहा, 'भारत 2013 में स्मार्टफोन की बिक्री के मामले में दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक रहा. इस तेज बिक्री की वजह घरेलू कंपनियों की किफायती कीमतों में स्मार्टफोन की पेशकश रही.'
सैमसंग का है बोलबाला
देश के स्मार्टफोन मार्केट में तमाम कंपनियों को पछाड़ते हुए सैमसंग फिर से टॉप पर है. वर्ष 2013 की चौथी तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन बाजार में इस कोरियाई कंपनी की 38 फीसदी हिस्सेदारी है. जबकि 16 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ देसी माइक्रोमैक्स दूसरे और 10 फीसदी के साथ कार्बन मोबाइल तीसरे स्थान पर है. इसके साथ ही सोनी अपनी एक्सपीरिया सीरीज के बल पर बाजार में 5 फीसदी हिस्सेदारी रखती है. कंपनी इस लिस्ट में चौथे स्थान पर है, वहीं 4.7 फीसदी के साथ लावा पांचवे पायदान पर रही.
आईडीसी के अनुसार बीते साल फीचर फोन से स्मार्टफोन की ओर रुख करने वाले मोबाइल यूजर की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई. कंपनी के मुताबिक इसका एक मुख्य कारण फीचर फोन और स्मार्टफोन की कीमतों के बीच घटता अंतर है.
वर्ष 2013 में दुनिया भर में फोन की बिक्री 18 फीसदी बढ़कर करीब 25.7 करोड़ यूनिट की रही जो 2012 में 21.8 करोड़ यूनिट थी.