सऊदी अरब बदल रहा है. सिर्फ सामाजिक तौर पर नहीं, बल्कि आर्थिक तौर पर भी बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है. तेल की कमाई से अमीर बना यह देश अब इसका विकल्प खोजने लगा है. पेट्रो उत्पाद की घटती मांग और ईंधन के अन्य विकल्प खोजने में जुटे देशों ने सऊदी को तेल की कमाई पर निर्भरता कम करने के लिए मजबूर कर दिया है. यही वजह है कि सऊदी ने अब आर्थिक मोर्चे पर खुद को मजबूत करना शुरू कर दिया है.
सऊदी अरब की तस्वीर बदलने का जिम्मा यहां के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के हाथों में है. वह सऊदी को न सिर्फ आधुनिक बनाने में जुटे हुए हैं, बल्कि इसे आर्थिक तौर पर भी मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार और सोशल मीडिया को लेकर नरमी बरतना भी इसी का एक अहम हिस्सा है. खुद युवराज मोहम्मद बिन सलमान इस बदलाव का चेहरा बने हुए हैं.
ये प्रोजेक्ट बदलेंगे सऊदी की आर्थिक दशा
तेल की कमाई से रईस बनने वाले इस देश ने कई महत्वाकांक्षी आर्थिक प्रोजेक्ट शुरू किए हैं. इन प्रोजेक्ट्स की बदौलत ही युवराज अपने देश की शक्ल बदलने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
लाल सागर प्रोजेक्ट
सऊदी किंगडम लाल सागर के किनारों से जुड़े 50 से भी ज्यादा आईलैंड को वैश्विक पर्यटन स्थल के तौर पर तैयार कर रहा है. रेड सी प्रोजेक्ट के तहत 34 हजार वर्ग किलोमीटर के इलाके को पर्यटन स्थल में तब्दील किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट का मकसद दुनियाभर के अमीरों को लुभाना है और पर्यटन को भी कमाई का एक जरिया बनाना है.
अल फैसलियाह प्रोजेक्ट :
इस प्रोजेक्ट को सऊदी 2450 वर्ग किलोमीटर पर तैयार कर रहा है. मॉस्को से भी बड़ी जगह पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट को एक सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा. यहां रेजीडेंशियल यूनिट्स, मनोरंज, एयरपोर्ट और बंदरगाह जैसी कई सुविधाएं दी जाएंगी. इसके जरिये सऊदी दुनिया के अमीरों को एक ही जगह पर कई सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश कर रहा है.
एंटरटेनमेंट सिटी प्रोजेक्ट
सऊदी की राजधानी रियाद में देश की सबसे बड़ी सांस्कृतिक, खेल और मनोरंजन सिटी का निर्माण किया जाएगा. इसमें सफारी एरिया और 66 एंटरटेनमेंट कॉर्प थीम पार्क समेत कई व्यवस्थाएं होंगी. इस सिटी के जरिये सऊदी खुद को पश्चिमी देशों के मुकाबले खड़ा करना चाहता है और अपने देश के टैलेंट को निखारना चाहता है.
किंग अब्दुल्लाह इकोनॉमिक सिटी
यह एक फ्रीहोल्ड सिटी प्रोजेक्ट है. इसे एमार इकोनॉमिक सिटी विकसित कर रही है। इस प्रोजेक्ट में एक डीप-सी पोर्ट, 55 वर्ग किलोमीटर का लॉजिस्टिक हब, स्पोर्टस व रिक्रिएशन सेंटर और काफी बड़े स्तर पर रहिवाशी इलाका विकसित किया जाएगा.
किंग अब्दुल्लाह फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट
इस प्रोजेक्ट के जरिये सऊदी खुद की आर्थिक मजबूती को एक शक्ल देना चाहता है. प्रोजेक्ट के तहत एक फाइनेंशियल सेंटर तैयार होगा. इसमें बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म्स, ऑडिटर्स, वकील और यहां तक कि सऊदी के स्टॉक एक्सचेंज और कैपिटल मार्केट भी एक ही जगह पर होंगे. इस प्रोजेक्ट के जरिये सऊदी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देना चाहता है और दुनिया की दूसरी कंपनियों को निवेश करने के लिए आमंत्रित कर सकता है.
अगले साल से शुरू होगा काम
इन प्रोजेक्ट्स में से ज्यादातर पर काम शुरू होना बाकी है. इनमें से कुछ प्रोजेक्ट्स 2018 में से शुरू होने वाले हैं, लेकिन इतने बड़े प्रोजेक्ट्स ये साफ संकेत देते हैं कि अब सऊदी तेल की कमाई पर निर्भरता कम करके अपनी कमाई बढ़ाने के लिए दूसरे विकल्पों को बढ़ाने पर जोर दे रहा है.