बचत खाते पर मिनिमम बैलेंस के तौर पर बैंकों की तरफ से 5 हजार करोड़ रुपये वसूले जाने की रिपोर्ट सामने आने के बाद एसबीआई ने अपना पक्ष रखा है. देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने सोमवार को कहा कि उसने इसी साल अप्रैल से एवरेज मंथली बैलेंस में 40 फीसदी की कटौती की है.
एसबीआई ने सोमवार को एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इस ट्वीट में बैंक ने यह भी बताया कि उसने मिनिमम बैलेंस चार्ज में भी 70 फीसदी तक कटौती की है. बैंक ने दावा किया कि उसकी तरफ से वसूला जाने वाला मिनिमम बैलेंस चार्ज काफी कम है. इसके साथ ही बैंक ने बताया कि उसके 42.5 करोड़ बचत खातों में से 42 फीसदी खाते वो हैं, जिन पर मिनिमम बैलेंस नहीं लगता.
Effective, April 2018, SBI has reduced the AMB requirement by up to 40%, and the charges for non-maintenance of AMB have been reduced to be one of the lowest in the industry. pic.twitter.com/1c0lGmE4i1
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) August 6, 2018
बता दें कि महानगरों में भारतीय स्टेट बैंक के बचत खातों में मिनिमम बैलेंस 3 हजार रुपये रखे जाने की शर्त है. वहीं, अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में पने बचत खाते में 2 हजार रुपये का मिनिमम बैलेंस बनाए रखना जरूरी होता है. ग्रामीण भाग में यह अनिवार्यता 1000 रुपये की है.
एक दूसरे ट्वीट में भारतीय स्टेट बैंक ने यह भी बताया कि अगर आप मिनिमम बैलेंस के झंझट से बचना चाहते हैं, तो आप अपने रेग्युलर सेविंग्स अकाउंट को बेसिक सेविंग्स डिपोजिट अकाउंट में बदल सकते हैं.
एसबीआई के ट्वीट के मुताबिक अगर आप मिनिमम बैलेंस की शर्त से बचना चाहते हैं, तो आप अपने मौजूदा बचत खाते को कनवर्ट करा सकते हैं. इसके लिए आपको किसी भी तरह का चार्ज देने की जरूरत नहीं है.
आपको सिर्फ एसबीआई की शाखा में विजिट करना होगा और आप अपने मौजूदा खाते को आसानी से कनवर्ट करा सकते हैं. आपका खाता छोटे बचत खातों में बदला जाएगा. इसमें बेसिक सेविंग्स डिपोजिट अकाउंट, जन-धन खाता समेत अन्य जीरो बैलेंस अकाउंट शामिल हैं.
SBI outshines all others, in serving the economically weaker sections of society and providing equal opportunity, with its vast branch network and latest technology platform.#SBI #Service2All #StateBankofIndia #BSBD #NoAMB pic.twitter.com/Jul5s5Yhcj
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) August 6, 2018