2 अवैध टावर गिराने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले बिल्डर सुपरटेक को सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री के लिए 5 करोड़ जमा कराने का निर्देश दिया है. दरअसल हाई कोर्ट ने नोएडा सेक्टर 93 में सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में अवैध तौर पर बनाए गए 2 टावर गिराने का आदेश दिया था.
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा की इस मामले की सुनवाई तभी होगी, जब सुपरटेक 5 करोड़ जमा करेगी. अदालत ने कहा की उसकी अंतरात्मा इस बात की इजाजत नहीं देती कि वो पैसा जमा हुए बगैर सुपरटेक की अपील पर सुनवाई करे. सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दे चुका है.
150 लोगों की रकम लौटाने का दावा
सुनवाई के दौरान सुपरटेक ने कोर्ट से कहा कि अब तक वो 150 लोगों का पैसा वापस कर चुका है. बिल्डर की तरफ से कोर्ट को बताया गया
कि हमने किसी ग्रीन एरिया नॉर्म का उल्लंघन नहीं किया है. सुपरटेक ने कहा कि हमें 2009 में बिल्डिंग बनाने की इजाजत मिली थी और
जैसे-जैसे इजाजत मिलती रही, हम फ्लोर बढ़ाते रहे.
साइट की स्टडी बाकी
नोएडा अथॉरिटी ने कोर्ट से कहा की सुपरटेक ने ग्रीन एरिया नॉर्म का उल्लंघन नहीं किया है. वहीँ कोर्ट द्वारा नियुक्त सलाहकर पीएस
नरसिम्हन ने कहा की इंडिपेंडेंट एजेंसी से विवादित साइट की स्टडी के लिए कहा गया है और इसके लिए सवाल मांगे गए हैं. उन सवालों पर
एजेंसी अपना जवाब देगी.
ग्राहकों की मांग- पैसा नहीं, फ्लैट दो
सुप्रीम कोर्ट में 40 ग्राहकों ने भी अर्जी लगाई हुई है, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें पैसा नहीं फ्लैट चाहिए क्योंकि वो किराया भी दे रहे हैं
और ब्याज भी. हालांकि ये अर्जी अभी लंबित है और इस पर सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है.
SC ने नोएडा अथॉरिटी से कहा- आप लोगों के साथ विश्वासघात करते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी से कहा कि आप इस तरह की दिक्कतें क्यों पैदा होने देते हैं. एक अथॉरिटी होने के नाते आप लोगों के साथ
विश्वासघात करते हैं. देश के साथ धोखा करते हैं.