उन छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी, जो आगे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लेना चाहते हैं. सरकार एक ऐसी स्कीम पर काम कर रही है जो ब्याज दरों को कम रखने में मदद करेगी, एजुकेशन लोन पर एक क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम को अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है जिसका फायदा न केवल बैंकों को होगा बल्कि स्टुडेंट्स को भी होगा.
इस स्कीम को वित्त मंत्रालय और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने तैयार किया है और इससे एक क्रेडिट गारंटी फंड तैयार किया जाएगा जिसमें 2,500 करोड़ रुपये होंगे. इस स्कीम को कैबिनेट के सामने जल्द रखा जाएगा. इस फंड से बैंकों को 7.5 लाख रुपये तक की गारंटी मिलेगी. उन्हें लोन अकाउंट के नॉन पर्फॉर्मिंग घोषित होने पर ब्याज में 75 प्रतिशत तक की गारंटी मिलेगी. लेकिन 7.5 लाख रुपये से ऊपर तक के लोन की गारंटी नहीं दी जाएगी क्योंकि उसके लिए बैंक जमानत मांगते हैं.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इस स्कीम से बैंकों को बहुत मदद मिलेगी और वे ब्याज दरें घटा सकेंगे. इसका कारण यह होगा कि गारंटी लेने वाले बैंकों के लिए यह शर्त होगी कि वे लैंडिंग रेट से दो प्रतिशत से ज्यादा ब्याज दर पर लोन नहीं देंगे, इससे बहुत से बैंक ब्याज दरें घटाएंगे.
दरअसल, बैंकों की समस्या है कि अभी बड़े पैमाने पर छात्र-छात्राएं लोन तो ले लेते हैं लेकिन चुकाते नहीं हैं. इससे बैंकों का एनपीए बढ़ रहा है.