जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों (विलफुल डिफॉल्टर्स) को बाजान नियामक सेबी ने करारा झटका दिया है. सेबी ने विलफुल डिफॉल्टर्स को स्टॉक और बॉन्डों के जरिए सार्वजनिक धन जुटाने से प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है.
इसके साथ ही सेबी ने तय किया है कि ऐसे लोग लिस्टेड कंपनियों के निदेशक मंडल में कोई पद नहीं ले सकेंगे. इसका असर विजय माल्या पर भी पड़ेगा. माल्या अब कई पदों के लिए योग्य नहीं रह जाएंगे. इसके साथ ही सेबी ने इस तरह के चूककर्ताओं को म्युचुअल फंड व ब्रोकरेज फर्ज जैसी बाजार मध्यस्थ इकाइयां स्थापित करने से रोक दिया है.
विलफुल डिफॉल्टर्स किसी लिस्टेड कंपनी का नियंत्रण भी नहीं ले सकेंगे. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) का यह कदम इस लिहाज से भी अहम है कि यूबी ग्रुप के चेयरमैन विजय माल्या पर बड़ा विवाद चल रहा है. बिजनेसमैन विजय माल्या पर अलग-अलग बैंकों का 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बकाया है और वह देश से बाहर चले गए हैं.
सेबी के निदेशक मंडल की महत्वपूर्ण बैठक के बाद चेयरमैन यू के सिन्हा ने कहा कि विलफुल डिफाल्टारों पर रोक लगाने संबंधी नए नियम अधिसूचित होन के बाद अस्तित्व में आ जाएंगे. सिन्हा ने कहा, अधिसूचना के बाद, विलफुल डिफॉल्टर्स किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में किसी तरह का पद नहीं ले सकेंगे.