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शेयर मार्केट में SEBI की बढ़ेगी निगरानी, सीबीडीटी से किया ये समझौता

शेयर मार्केट को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी ने सीबीडीटी से एक समझौता किया है.

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महंगाई की मार बरकरार
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  • आंकड़ों और सूचनाओं के आदान—प्रदान को समझौता
  • यह समझौता बीते आठ जुलाई से प्रभावी हो गया है

शेयर मार्केट को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी ने आंकड़ों और सूचनाओं के आदान—प्रदान के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से एक समझौता किया है. इस समझौते के तहत सीबीडीटी और सेबी, दोनों ही एक दूसरे को नियमित जानकारियां साझा कर सकेंगे. इसके जरिए सेबी और सीबीडीटी कंपनियों और निवेशकों पर निगरानी बढ़ा सकेंगे. यह समझौता आठ जुलाई से प्रभावी हो गया है.

समझौते का क्या है मतलब

इस समझौते के तहत एक सूचना आदान-प्रदान संचालन समूह बनाया गया है, जो आंकड़ों के आदान-प्रदान की स्थिति की समीक्षा करने और इसकी प्रणाली को अधिक कारगर बनाने के विषय में समय-समय पर बैठक करेगा. सेबी ने कहा, "यह समझौता सीबीडीटी और सेबी के बीच आंकड़ों और सूचनाओं को स्वचालित व नियमित आधार पर साझा करने की सुविधा प्रदान करेगा. यह सुनिश्चित करेगा कि सीबीडीटी और सेबी दोनों के पास आंकड़ों के आदान-प्रदान के लिये निर्बाध संपर्क हो."

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सेबी कर रही कई बड़े बदलाव

आपको बता दें कि निवेशकों और कंपनियों की निगरानी के लिए बीते कुछ समय में सेबी ने कई नियम बदले या लागू किए हैं. वहीं, सेबी कुछ और बदलाव भी करने वाली है. हाल ही में सेबी ने बेहतर संचालन नीति और दस्तावेज तैयार करने और उन्हें अमल में लाने के लिये केपीएमजी, पीडब्ल्यूसी और अन्र्स्ट एण्ड यंग सहित छह कंपनियों को छांटा है. छह कंपनियों में तीन अन्य नाम हैं आरएसएम एस्टयूट कंसल्टिंग, बीडीओ इंडिया और एएनबी सॉल्युशन.

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क्या है योजना

सेबी की योजना बेहतर नीतिगत दस्तावेज तैयार करने की है, जिसमें परिचालन की मानक प्रक्रिया और अन्य सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े दस्तावेज भी होंगे. नियामक का मानना है कि उसके पास कुछ ऐसे नीतिगत दस्तावेज हो सकते हैं जिनमें इस क्षेत्र में अपनाये जाने वाले सबसे बेहतर उद्योग मानक और व्यवहार के मुताबिक कुछ बदलाव की जरूरत हो सकती है.

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