प्रमुख शेयर बाजार बीएसई ने सेबी की 331 संदिग्ध मुखौटा कंपनियों के मामले में पांच और कंपनियों के शेयरों में कारोबार पर प्रतिबंध लगाया है. इसके साथ बीएसई अबतक कुल 167 कंपनियों पर पाबंदी लगा चुकी है. सेबी की सूची में से 164 कंपनियां विभिन्न दंडात्मक कार्वाई या निगरानी उपायों के कारण पहले ही निलंबित हैं. वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचि में दी 48 कंपनियां लिस्टेड हैं.
बाजार नियामक ने शेयर बाजारों को संदिग्ध 331 कंपनियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का आदेश दिया है. इन कंपनियों पर कर संबंधी तथा अन्य नियमों के कथित उल्लंघन का आरोप है. कुल 167 सक्रिय कंपनियों में से बीएसई ने अधिकतम कारोबार प्रतिबंध श्रेणीबद्ध निगरानी व्यवस्था का छठा चरण सेबी के सात अगस्त के आदेश वाले दिन ही लगा दिया था.
यह आदेश 8 अगस्त से प्रभाव में आया. बंबई शेयर बाजार ने जारी परिपत्र में कहा कि शेष पांच प्रतिभूतियों को श्रेणीबद्ध निगरानी व्यवस्था के छठे चरण जीएसएम स्टेज 6 के अंतर्गत रखा है. यह आदेश 10 अगस्त से प्रभाव में आएगा और सेबी के निर्देश में जो भी प्रावधान है, वे सब लागू होंगे. ये पांच कंपनियां इंटर ग्लोब फाइनेंस लि., ग्रीन फायर एग्री कमोडिटीज लि., नोवा गोल्ड पेट्रो रिर्सोसेज लि., ट्रिटोन कार्प लि. तथा भाग्यश्री लीजिंग एंड फाइनेंस लि. हैं.
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जिन 162 कंपनियों पर सोमवार को प्रतिबंध लगाया गया था, उनमें एटीएन इंटरनेशनल, आधुनिक इंडस्ट्रीज, अंशु क्लाथिंग, असम कंपनी, बिड़ला कोटसिन आदि शामिल हैं. इनमें से कुछ कंपनियों ने मुखैटा कंपनियों की सूची में शामिल किये जाने को लेकर प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण में सेबी और बीएसई के खिलाफ अपील दायर की.
48 मुखौटा कंपनियां एनएसई में सूचीबद्ध
नेशनल स्टाक एक्सचेंज एनएसई ने यह भी बताया कि उसने बाजार नियामक सेबी द्वारा भेजी 331 मुखौटा कंपनियों की सूची में अपने प्लेटफार्म पर सूचीबद्ध करीब 48 कंपनियों के बारे में सूचना एकत्रित करनी शुरू कर दी है. एनएसई इन 48 कंपनियों के बारे में सूचना प्राप्त करने के बाद रिपोर्ट सेबी को देगी.
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इन 48 कंपनियों में से 10 सेबी के निर्देश आने से पहले ही निलंबित थी. सात अगस्त को बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजारों को 331 कंपनियों के खिलाफ कार्वाई करने का निर्देश दिया था. इन कंपनियों के बारे में जानकारी कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने दी थी.
शेयर बाजारों से कहा गया है कि वे इन कंपनियों के शेयरों को तत्काल प्रभाव से श्रेणीबद्ध निगरानी व्यवस्था के छठे चरण में रखे. एनएसई ने एक बयान में कहा, इन 331 कंपनियों से केवल 48 एनएसई में सूचीबद्ध हैं. इनमें से 48 कंपनियों में से सेबी के निर्देश आने से पहले ही 10 कंपनियां निलंबित हैं. नियामक ने एक्सचेंज से इन 48 कंपनियों से दस्तावेज लेकर उनका सत्यापन करने तथा बुनियाद की जांच करने को कहा है.