केंद्र सरकार ने यूनिवर्सिटीज और कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए 23 लाख कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने इनकी पेंशन में संशोधन किया है. यह संशोधन 7वें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर किया गया है.
केंद्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय और कॉलेज की रिटायर्ड फैकल्टी और नॉन-टीचिंग स्टाफ की पेंशन में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार बदलाव कर दिया है.
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसका फायदा 25 हजार से ज्यादा मौजूदा पेंशनर्स को मिलेगा. उन्होंने बताया, ''इन 25 हजार पेंशनर्स को 6 हजार से 18 हजार रुपये तक का फायदा दिया जाएगा''.
The @narendramodi govt has revised pension of retired faculty & other non-teaching staff in Central Universities and Colleges as per the recommendations of the 7th Central Pay Commission. #Pension #CentralUniversity #7thPayCommission
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 11, 2018
इन 25 हजार पेंशनर्स के अलावा सरकार के इस फैसले का फायदा उन 23 लाख कर्मचारियों को भी मिलेगा, जो यूनिवर्सिटीज से रिटायर हो चुके हैं और जिन्होंने प्रस्तावित पे स्केल स्वीकार कर लिया था.
जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले का फायदा तकरीबन 8 लाख शिक्षकों और 15 लाख नॉन-टीचिंग स्टाफ को मिलेगा. हालांकि ये फायदा इनको तब ही मिलेगा अगर इन्होंने केंद्रीय यूनिवर्सिटीज के प्रस्तावति पे स्केल स्वीकार कर लिया हो या करना चाहते हों.
हालांकि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के बाद भी सरकार ने न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है. इसका फायदा केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों को मिलता.