सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 372 अंक लुढ़क कर 37,090 अंक पर जबकि निफ्टी 130 अंक की गिरावट के साथ 11 हजार 148 अंक पर बंद हुआ.
कारोबार के दौरान शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. हालांकि इसके बावजूद सेंसेक्स 38 हजार के स्तर के नीचे ही रहा. बता दें कि मई के शुरुआती 7 दिन कारोबारी दिन में सेंसेक्स करीब 1500 अंक से ज्यादा टूट चुका है. जबकि निफ्टी 500 अंक के करीब लुढ़का.
सोमवार को लाल निशान पर बंद होने वाले शेयरों की बात करें तो सनफार्मा, यस बैंक, टाटा स्टील, इंडस्इंड बैंक, टाटा मोटर्स, एलएंडटी, एनटीपीसी, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावरग्रिड, भारती एयरटेल और रिलायंस हैं. सबसे अधिक गिरावट की बात करें तो सनफार्मा में करीब 10 फीसदी की रही. वहीं बढ़त वाले शेयरों की बात करें तो HDFC में 1 फीसदी की तेजी रही. एचयूएल, इन्फोसिस और बजाज फाइनेंस के शेयर भी हरे निशान पर बंद हुए.
एचडीएफसी को नतीजों का फायदा
कारोबार के अंत में हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी HDFC के शेयर में करबी 2 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई. दरअसल, सोमवार को HDFC के नतीजे आए हैं. कंपनी को शुद्ध लाभ मार्च 2019 में समाप्त चौथी तिमाही में 26.8 फीसदी बढ़कर 2,862 करोड़ रुपये रहा. इससे पिछले वित्त वर्ष की जनवरी - मार्च तिमाही में उसने 2,257 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था.
कंपनी के निदेशक मंडल ने 17.50 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से अंतिम लाभांश देने का प्रस्ताव किया है. यह साढे तीन रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश से अलग है। इस तरह कंपनी ने 2018-19 के लिए कुल 21 रुपये का लाभांश दिया जबकि 2017-18 में उसे 20 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से लाभांश दिया था. इसके अलावा आईटीसी का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 18.72 फीसदी बढ़कर 3,481.9 करोड़ रुपये और कुल आय 14.26 फीसदी बढ़कर 12,946.21 करोड़ रुपये रही.
25 अप्रैल के बाद सबसे निचले स्तर पर रुपया
देसी मुद्रा रुपये में सोमवार को डॉलर के मुकाबले 25 अप्रैल के बाद से सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई. डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले सत्र की क्लोजिंग से 40 पैसे की कमजोरी के साथ 70.31 रुपये प्रति डॉलर पर बना हुआ था. इससे पहले रुपया 69.99 पर खुलने के बाद 70.32 तक फिसला. पिछले सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 69.91 पर बंद हुआ था. बाजार के जानकारों की मानें तो शेयर बाजार में नरमी का रुख, कच्चे तेल के भाव में तेजी और अमेरिका-चीन व्यापारिक गतिरोध की वजह से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी आई है.