साल 2017 शेयर बाजार निवेशकों के लिए बेहद खास रहा. वैश्विक घटनाक्रम, नोटबंदी और जीएसटी लागू करने का असर 2017 में शेयर बाजार पर सीधा दिखाई दिया. इसके अलावा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और कई अहम राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजे शेयर मार्केट के लिए खास रहे. 2016 की तुलना में 2017 में निवेशकों को बाजार ने अच्छा रिटर्न दिया है. वहीं शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी के रिकॉर्ड स्तर के लिए भी 2017 बेहद खास रहा.
पिछले 2 साल शेयर बाजार का हाल
2016 के दौरान बाजार कभी उपर तो कभी नीचे होने के बाद अंतत: 2015 के स्तर पर रहा. यह लगातार दूसरा साल है था जब शेयर बाजार निवेशकों की उम्मीद पर खरा नहीं उतर पाया. वहीं 2015 में बंबई स्टॉक मार्केट के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स ने निवेशकों को 5 फीसदी नुकसान में रखा था. इस लिहाज से 2017 बेहतर माना जा सकता है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 2016 के अंत तक 8,000 के स्तर से ऊपर कारोबार कर रहा था. वहीं 2016 के दौरान निवेशकों को निफ्टी पर सीमित रिटर्न मिला था.
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2017 में सेंसेक्स ने दिया 28 फीसदी रिटर्न
साल 2017 के पहले दिन यानी 2 जनवरी को सेंसेक्स 26,595 अंक पर बंद हुआ था. इसके बाद लगातार 6 महीने तक लगातार रिकॉर्ड उछाल के साथ सेंसेक्स जून-जुलाई में 30,000 के जादुई आंकड़े के पार पहुंच गया था. अगली दो महीना सेंसेक्स के लिए और कास रहा क्योंकि अगस्त सितंबर के दौरान सेंसेक्स ने 32,000 के स्तर को पार कर कीर्तिमान रचा. वहीं साल के अंतिम महीनों में नवंबर और दिसंबर के दौरान सेंसेक्स लगातार बढ़ते हुए 26 दिसंबर को 33,940 के स्तर से आगे बढ़ते हुए पहली बार 34,000 के जादुई आंकड़े को पार किया. साल के दौरान सेंसेक्स ने 27.8 फीसदी की रिटर्न निवेशकों को दिया.
2017 में निफ्टी ने दिया 32 फीसदी रिटर्न
साल 2017 की शुरुआत निफ्टी 50 ने 8,210 के स्तर से की थी. इसके बाद लगातार उछाल के साथ निफ्टी ने मार्च 2017 में 9,000 के जादुई आंकड़े को पार किया. निफ्टी ने अक्टूबर के दौरान 10,000 के रिकॉर्ड को रचते हुए दिसंबर के अंत तक 10,500 के आंकड़े पर दस्तक देने लगा. निफ्टी ने पूरे साल के दौरान 10,501 के रिकॉर्ड स्तर को पार करते 2017 में 31.54 फीसदी का रिटर्न निवेशकों को दिया. सेंसेक्स की तरह ही निफ्टी ने पूरे साल के दौरान नए-नए रिकॉर्ड स्तर को पार करने का काम किया.
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शेयर बाजार के लिए कैसा था पिछला 5 साल
पिछले कुछ साल की बात की जाए, तो 2015 में सेंसेक्स में निवेशकों को करीब पांच प्रतिशत का नुकसान हुआ था. पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों को सबसे अधिक नुकसान 2008 की वैश्विक मंदी में हुआ था. 2008 में सेंसेक्स में भी निवेशकों को 100 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ था. हालांकि, 2009 में कमजोर आधार प्रभाव की वजह से निवेशकों को 95 प्रतिशत का रिटर्न मिला था. 2010 में निवेशकों को जहां 15 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न मिला, वहीं 2011 में निवेशकों को 25 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा. 2012, 2013 और 2014 के कैलेंडर वर्ष में भी शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला. साल 2014 में तो निवेशकों को करीब 30 प्रतिशत का रिटर्न मिला.