घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने सोमवार को सभी श्रेणी के मोबाइल हैंडसेट पर एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क) पुनर्गठित करने और उसे 6 फीसदी रखने का प्रस्ताव किया.
वित्त वर्ष 2014-15 का अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, मोबाइल हैंडसेट के उत्पादन (जो घट रहा है) को बढ़ावा देने तथा आयात पर निर्भरता (जो बढ़ा है) घटाने के लिये मैं सभी श्रेणी के मोबाइल हैंडसेट के लिये उत्पाद शुल्क पुनर्गठित करने का प्रस्ताव करता हूं.
उन्होंने कहा, ये दरें सेनवेट क्रेडिट के लाभ के साथ 6 फीसदी और बिना सेनवेट क्रेडिट के एक प्रतिशत होगी. इंडिया सेल्यूलर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने प्रतिक्रिया में कहा, मोबाइल हैंडसेट क्षेत्र पर ध्यान देने को लेकर मैं वित्त मंत्री को धन्यवाद देना पसंद करूंगा. हमें किसी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले प्रस्तावों को विस्तार से देखना होगा.
इलेक्ट्रानिक उपकरण बनाने वाली कंपनियों का संगठन ईएलसीआईएनए ने कहा कि घरेलू कंपनियों के लिये घोषणा बेहतर नहीं दिख रहा. ईएलसीआईएनए के महासचिव राजू गोयल ने कहा, पहली नजर में मुझे नहीं लगता कि यह व्यापार के लिये गैर-प्रोत्साहन वाला है. बिना सेनवेट के एक प्रतिशत क्रेडिट काफी कम है. पिछले साल के बजट में सरकार ने 2,000 रुपये से अधिक मूल्य के हैंडसेट पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया था.