scorecardresearch
 

नौकर, ड्राइवर और बाई को देना होगा अपॉइंटमेंट लेटर

आपको अपने घर के लिए काम वाली बाई (मेड), ड्राइवर या फिर नौकर रखना अब इतना आसान नहीं रहेगा. केन्द्र सरकार बहुत जल्द इसके लिए नए नियम ला रही है जिसके मुताबिक आपको अपॉइंटमेंट लेटर जारी करना होगा जिसमें आपको नौकरी की सभी शर्तों को साफ-साफ लिख कर देना होगा.

Advertisement
X
File Image
File Image

आपको अपने घर के लिए काम वाली बाई (मेड), ड्राइवर या फिर नौकर रखना अब इतना आसान नहीं रहेगा. केन्द्र सरकार बहुत जल्द इसके लिए नए नियम ला रही है जिसके मुताबिक आपको अपॉइंटमेंट लेटर जारी करना होगा जिसमें आपको नौकरी की सभी शर्तों को साफ-साफ लिख कर देना होगा.

Advertisement

केन्द्रीय श्रम मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ) के दिए मापदंडों को पालन करने के लिए नए कानून का प्रस्ताव दिया है जिसका उद्देश्य देश में घरेलू कामकाज कर रहे बड़ी संख्या में लोगों के अधिकारों और हितों की रक्षा की जा सके.

अपॉइंटमेंट लेटर से मिलेगा नौकरी वाले अधिकार
मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक अब मासिक वेतन पर घर में काम करने वालों को अपॉइंटमेंट लेटर जारी किया जाएगा और इस लेटर के माध्यम से वह अब उन सभी सुविधाओं को अधिकारों के हकदार होंगे जो उन्हें संगठित क्षेत्र में नौकरी करने पर मिलता है. आमतौर पर देश में घरेलू काम करने वाले परिवार के सदस्य की तरह रहते हैं और कठिन परिस्थितियों में काम करने को मजबूर रहते हैं.

आईएलओ की पहल पर उठाया जा रहा कदम
गौरतलब है कि देश में कुल वर्कफोर्स का लगभग 93 फीसदी हिस्सा असंगठित क्षेत्र में है. पिछले कई सालों से सरकार पर आईएलओ की तरफ से दबाव बढ़ रहा है कि वह इस असंगठित क्षेत्र में सुधार करे और देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का वर्कफोर्स बनाने की दिशा में आगे बढ़े.

Advertisement

5 करोड़ लोगों को होगा फायदा
श्रम मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक आईएलओ की मांग है कि भारत जल्द से जल्द अपने असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को संगठित क्षेत्र की ओर ले जाए. हालांकि अधिकारियों का मानना है कि देश में असंगठित क्षेत्र की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए यह मुमकिन नहीं है लिहाजा इसमें बड़े सुधार करते हुए आईएलओ के मापदंडों के अनुरूप करने को प्राथमिकता दी जाएगी. गौरतलब है कि देश में घरेलू काम में लगे ड्राइवर, नौकर और बाई का कोई विश्वसनीय आंकड़ा नहीं है. हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि देश में लगभग 5 करोड़ लोग इस क्षेत्र में कार्यरत हैं.

सुरक्षित होंगे अहम अधिकार
केन्द्र सरकार की इस पहल से बड़ी संख्या में लोगो को फायदा पहुंचेगा. बिना अपॉइंटमेंट लेटर इन लोगों को अपनी मासिक सैलरी को सुरक्षित करने का कोई आधार नहीं रहता और आमतौर पर उन्हें वादे के मुताबिक सैलरी नहीं दी जाती. इसके अलावा, घरों में नौकरी करने उनके स्वास्थ के प्रति कोई जिम्मेदार नहीं रहता और ना ही उन्हें किसी तरह के वीकली ऑफ का प्रावधान मिलता है. वहीं, काम के दौरान किसी तरह का विवाद होने पर उन्हें अपनी नौकरी भी गंवानी पड़ती है.

Advertisement
Advertisement