केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि किसानों, छात्रों, कमजोर तबकों, अल्पसंख्यकों तथा अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों को कर्ज वितरण दक्षिण भारतीय राज्यों में अपेक्षाकृत काफी बेहतर है.
चिदंबरम ने संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों की एक बैठक की अध्यक्षता करने के कहा, 'दक्षिणी राज्य अधिक वित्तीय समावेशन के लिए कर्ज प्रवाह में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों, छात्रों की शिक्षा, कमजोर तबकों, आवास, अल्पसंख्यक समुदायों और लोककल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए कर्ज की अदायगी दक्षिणी राज्यों में अपेक्षाकृत बेहतर है.'
पांच दक्षिणी राज्य हैं आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पुडुच्चेरी और तमिलनाडु. बैठक में आंध्रप्रदेश का प्रतिनिधित्व मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी, कर्नाटक का मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, पुडुच्चेरी का मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी जबकि केरल का वित्त मंत्री के.एम. मणि और तमिलनाडु का इसके वित्त मंत्री आ. पन्नीरसेल्वम ने किया.
सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया. इससे पहले 16 नवंबर को नई दिल्ली में उत्तरी राज्यों की इसी तरह की एक बैठक हुई थी.
चिदंबरम ने कहा, 'उत्तरी राज्यों में जहां ऋण वितरण और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अनुपालन में कमी है, वहीं दक्षिण राज्यों ने कुछ क्षेत्रों में लक्ष्यों को भी पीछे छोड़ दिया है.' बैठक तीन घंटे के आसपास चली. इसमें केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीना और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित थे.
चिदंबरम से कई राष्ट्रीय समसामयिक मुद्दों पर भी सवाल पूछे गए लेकिन उन्होंने यह कह कर इन सवालों के जवाब देने से इंकार कर दिया कि वे बैठक की कार्यसूची से बाहर के विषय हैं.