भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाली एक खबर आ गई है. अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट एजेंसी एसऐंडपी (S&P) ने भारत के क्रेडिट आउटलुक को निगेटिव से स्टेबल श्रेणी में डाल दिया है. यानी एजेंसी के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य नकारात्मक नहीं है बल्कि अब वह स्थिर है.
एजेंसी का कहना है कि इस आउटलुक से पता चलता है कि सरकार राजस्व और आर्थिक सुधारों को कार्यान्वित कर सकती है. रेटिंग में बढ़ोतरी से ऐसा लग रहा है कि अब भारत में पहले से बेहतर राजनीतिक हालात हैं. उसने कहा है कि राजनीतिक हालात सुधारों के लिए बेहतर माहौल पैदा कर रहे हैं.
एजेंसी के मुताबिक अगले 24 महीने के लिए यह उसका आकलन है. उसके अनुसार नई सरकार में देश के लिए जरूरी आर्थिक सुधारों को करने और भी क्षमता है और वह अपना राजस्व भी सुधार सकती है. यह सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को प्रभावी मौद्रिक नीति लागू करने की अनुमति दे सकती है.
एजेंसी ने कहा है कि अगर भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की दर वास्तव में 5.5 फीसदी से ज्यादा हो जाती है तो हम इस रेटिंग को बढ़ा भी सकते हैं. इसके विपरीत अगर सरकार ढांचागत सुधार नहीं कर पाती है जिससे आर्थिक विकास में बढ़ोतरी न हो तो तो हम रेटिंग गिरा भी सकते हैं.
S&P ने कहा कि सरकार अपनी राजस्व व्यवस्था को मजबूत करने के काम करने में सक्षम दिखती है. सोने के आयात पर रोक के कारण चालू बजट घाटा भी कम हुआ है. भारत के सामने विदेशी मुद्रा संबंधी कोई जोखिम भी नहीं है.
जानकारों का मानना है कि एजेंसी का भारत की रेटिंग को ऊपर बढ़ाना एक अच्छी बात है. उसे भारत की क्षमता का पता लग चुका है. भारत की निवेश नीति स्थिर है जिससे निवेशक यहां आएंगे.