पब्लिक सेक्टर की टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) को चालू वित्त वर्ष में 1,300 करोड़ रुपये की बचत की उम्मीद है. यह संभावित बचत बीएसएनएल की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की वजह से होगी. बता दें कि बीएसएनएल के 78,569 कर्मचारियों ने वीआरएस का विकल्प चुना है. यह योजना जनवरी से अमल में आएगी.
क्या कहा बीएसएनएल के चेयरमैन ने?
बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने कहा, ‘‘स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) 31 जनवरी 2020 से प्रभाव में आएगी.हमारा लक्ष्य है कि जिन लोगों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है, उन पर विचार किया जाए और उसे मंजूरी दी जाए.’’ उन्होंने बताया कि इस वजह से कंपनी को वेतन मद में चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में 1,300 करोड़ रुपये की बचत होगी.
MTNL के साथ विलय पर क्या कहा?
एमटीएनएल के साथ विलय के बारे में पुरवार ने कहा कि चर्चा शुरू हुई है और दोनों कंपनियों के निदेशक मंडल की बैठक हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘इस समय हमारा लक्ष्य नेटवर्क एकीकरण और परिचालन में तालमेल पर है. इसको लेकर चर्चा शुरू हुई है.’’
बता दें कि बीते दिनों सरकार की ओर से बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज की घोषणा की गई थी. इसमें घाटे में चल रही दोनों सरकारी दूरसंचार कंपनियों के विलय के अलावा कर्मचारियों को वीआरएस देना शामिल है. इस कदम का मकसद विलय बाद बनने वाली इकाई को दो साल में लाभ में लाना है.
एजीआर पर कही ये बात
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के एडजेस्टेड ग्रास रेवेन्यू (एजीआर) पर हाल के फैसले से कंपनी के ऊपर वैध बकाये के बारे में पुरवार ने कहा, ‘‘वित्तीय दबाव परिदृश्य को देखते हुए हमने सरकार से बकाये की वसूली पर पुनर्विचार करने या कंपनी को जो राशि देनी है, उसके बराबर समान राशि के बराबर इक्विटी पूंजी डालने को कहा है.’’