कर सुधारों को बढ़ाने में अहम् कदम माने जा रहे वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दिशा में आगे बढ़ते हुये केन्द्र और राज्यों ने सोमवार को बैठक में केन्द्रीय बिक्री कर (सीएसटी) का मुद्दा सुलझा लिया.
राज्य सीएसटी क्षतिपूर्ति के तौर पर केन्द्र से 34,000 करोड़ रुपये की भरपाई किये जाने सहमत हो गये हैं. राज्यों की तरफ से जीएसटी क्रियान्वयन की दिशा में आगे बढ़ने से पहले सीएसटी की क्षतिपूर्ति को लेकर अड़े हुये थे और एक बड़ा मुद्दा था.
वित्तमंत्रियों की अधिकारसंपन्न समिति के अध्यक्ष और बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई बैठक में यह सहमति बनी. मोदी ने बताया, ‘वर्ष 2010-11, 2011-12 और 2012-13 तीन साल के लिये सीएसटी क्षतिपूर्ति का 34,000 करोड़ रुपये था. केन्द्र सरकार ने यह राशि देने पर सहमति जताई है.’
बैठक में सीएसटी मुद्दे पर पारित प्रस्ताव के अनुसार केंद्र 2010-11 में सीएसटी दर में कटौती पर राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की 100 प्रतिशत भरपाई करेगा. मोदी ने कहा कि 2011-12 के लिये राज्यों को होने वाले कुल नुकसान का 75 प्रतिशत और 2012-13 में होने वाले सीएसटी नुकसान का 50 प्रतिशत की भरपाई केन्द्र सरकार करेगी.
राज्यों में सीएसटी की दर को चरणबद्ध तरीके से चार प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत की है. राज्यों में मूल्यवर्धित कर (वैट) लागू होने के बाद सीएसटी यानी केन्द्रीय बिक्री कर में कमी की गई. जीएसटी लागू होने के बाद सीएसटी पूरी तरह समाप्त होना था.
बहरहाल, सीएसटी भरपाई पूरी नहीं की वजह से यह मामला आगे नहीं बढ़ पाया. मोदी ने कहा, 'तीन साल 2010-11, 2011-12 तथा 2012-13 के लिए मुआवजा राशि लगभग 34,000 करोड़ रुपये है. केंद्र ने यह मुआवजा राज्यों को देने पर सहमति जताई है.' उन्होंने कहा कि केंद्र को आगामी बजट से पहले कुछ राशि राज्यों को देनी चाहिए.