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कोरोना के कहर से शेयर बाजार में लगा लोअर सर्किट, जानें क्या हैं इसके नियम

सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 2307 अंकों की भारी गिरावट के साथ 27608 पर खुला. सुबह 10 बजे के बाद जब सेंसेक्स 10 फीसदी यानी 2991 अंक टूटकर 26,924 तक पहुंच गया तो इसके बाद एनएसई और बीएसई दोनों में ट्रेडिंग रोक दी गई. लोअर सर्किट लगा दिया गया. बाजार में ​आम निवेशकों और कारोबारियों को भारी नुकसान से बचाने के लिए लोअर और अपर सर्किट लगाया जाता है.

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बीएसई सेंसेक्स में लगा 10 फीसदी का लोअर सर्किट
बीएसई सेंसेक्स में लगा 10 फीसदी का लोअर सर्किट

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  • सेंसेक्स में 10 फीसदी की गिरावट के बाद लगा लोअर सर्किट
  • सेंसेक्स—निफ्टी में भारी उतार—चढ़ाव से बचाने के​ लिए लगता है सर्किट
  • यह सर्किट शेयर बाजार में गिरावट और तेजी दोनों में लगाए जाते हैं

कोरोना के कहर की वजह से सोमवार को सुबह 10 बजे के करीब बीएसई सेंसेक्स में 10 फीसदी की गिरावट के बाद उसमें लोअर सर्किट लगा दिया गया और एनएसई और बीएसई दोनों में ट्रेडिंग रोक दी गई. बाजार में ​आम निवेशकों और कारोबारियों को भारी नुकसान से बचाने के लिए लोअर और अपर सर्किट लगाया जाता है. आइए जानते हैं कि क्या हैं इसके नियम.

गौरतलब है कि सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 2307 अंकों की भारी गिरावट के साथ 27608 पर खुला. सुबह 10 बजे के बाद जब सेंसेक्स 10 फीसदी यानी 2991 अंक टूटकर 26,924 तक पहुंच गया तो इसमें लोअर सर्किट लगा दिया गया और कारोबार 1 घंटे के लिए रोक दिया गया.

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दो तरह के होते हैं सर्किट ब्रेकर

शेयर बाजार के एक सीमा से ज्यादा बढ़ने या गिरने पर सर्किट ब्रेकर लगाने की शुरुआत देश में सेबी ने 2001 में की थी. इसका मकसद बाजार में भारी उतार—चढ़ाव को रोकना होता है. ​

शेयर बाजार में सर्किट ब्रेकर दो तरह के होते हैं. एक होता है अपर सर्किट (Upper Circuit) और दूसरा होता है लोअर सर्किट (Lower Circuit).अपर सर्किट शेयर बाजार में तब लगता है जब यह एक तय सीमा से ज्यादा बढ़ जाता है. देश में पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अपर सर्किट के लिए 3 सीमाएं तय की हैं. ये हैं 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की. इसी तरह, जब शेयर बाजार एक तय सीमा से ज्यादा गिरने लगता है तो लोअर सर्किट लगाया जाता है. सेबी ने इसके लिए भी 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की सीमा तय की है.

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तीन दायरे वाले सर्किट

यदि 10 फीसदी की गिरावट या बढ़त 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार को रोक दिया जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री ओपन सेशन होता है.

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यदि सर्किट 1 बजे के बाद लगता है तो कारोबार 30 मिनट के लिए रुकता है. शुरुआती 15 मिनट तक कारोबार पूरी तरह बंद रहता है और 15 मिनट का प्री ओपन सेशन होता है. यदि सर्किट 2 बजे या उसके बाद लगता है तो दिन के बाकी बचे समय तक कारोबार रोक दिया जाता है.

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यदि शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स में 15 फीसदी की गिरावट या बढ़त 1 बजे से पहले आती है, तो कारोबार 2 घंटे के लिए रोक दिया जाता है. इसमें शुरुआती 1 घंटा और 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री ओपन सेशन होता है.

यदि यह सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार एक घंटे के लिए रुक जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रोक दिया जाता है और 15 मिनट का प्री ओपन सेशन होता है.

20 फीसदी सर्किट का ये है नियम

अगर शेयर बाजार में किसी भी समय 20 फीसदी वाला सर्किट लग जाता है यानी 20 फीसदी का उतार—चढ़ाव होता है तो कारोबार अगले सत्र तक के लिए रोक दिया जाता है.

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