भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम कसने के दावे करने वाली मोदी सरकार के लिए एक बड़ा झटका लगा है. स्विस बैंक के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल में वहां जमा भारतीयों की जमापूंजी में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इन आंकड़ों के बाद मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है, इसी के साथ अब घर से भी वार हुआ है.
BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इसको लेकर वित्त मंत्रालय में सचिव हसमुख अधिया पर सीधा हमला बोला है. शुक्रवार सुबह ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि वित्त सचिव अधिया के लिए एक बड़ी कामयाबी, एक तरफ पूरी दुनिया का स्विस बैंक में डिपोजिट सिर्फ 3 फीसदी बढ़ा है, तो वहीं भारतीयों का 50 फीसदी बढ़ गया है. उन्होंने लिखा कि अधिया इससे भी ज्यादा मैनेज कर सकते थे, अगर राजेश्वर (ईडी अफसर) बीच में ना आते.
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब स्वामी ने अपनी ही सरकार का आड़े हाथों लिया हो. इससे पहले भी वह अरुण जेटली के कई फैसलों पर सवाल उठा चुके हैं और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से खुद को वित्त मंत्री बनाने की बात करते रहे हैं.Breaking News: Major success of Finance Secy Adhia. Secret Swiss Bank accounts deposits from global sources rose by 3% last 12 months. Indians deposits however grew 50% . Adhia would have managed more if Rajeshwar was not a distraction.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 29, 2018
कितना बढ़ा धन?
स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों में यह बात सामने आयी है. इसके अनुसार भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में रखा गया धन 2017 में 50% से अधिक बढ़कर 7000 करोड़ रुपए (1.01 अरब फ्रैंक) हो गया. इससे पहले तीन साल यहां के बैंकों में भारतीयों के जमा धन में लगातार गिरावट आई थी.
पाकिस्तानियों की जमा पूंजी में आई कमी
स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के सालाना आंकड़ों के अनुसार स्विस बैंक खातों में जमा भारतीय धन 2016 में 45 प्रतिशत घटकर 67.6 करोड़ फ्रैंक (लगभग 4500 करोड़ रुपए) रह गया. एक तरफ भारतीयों के पैसे में बढ़ोतरी हुई है तो वहीं पाकिस्तानियों की जमापूंजी में करीब 21 फीसदी की गिरावट आई है.
यह राशि 1987 से इस आंकड़े के प्रकाशन की शुरुआत के बाद से सबसे कम थी. एसएनबी के आंकड़ों के अनुसार भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में सीधे तौर पर रखा गया धन 2017 में लगभग 6891 करोड़ रुपये (99.9 करोड़ फ्रैंक) हो गया. वहीं, प्रतिनिधियों या धन प्रबंधकों के जरिए रखा गया धन इस दौरान 112 करोड़ रुपये (1.62 करोड़ फ्रैंक) रहा.