समस्या में घिरे सहारा समूह ने कहा है कि वह बीमा नियामक इरडा के खिलाफ अदालत में जाएगा. इरडा ने अपने आदेश में सहारा के जीवन बीमा कारोबार को आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल को सौंपने का निर्देश दिया है.
सहारा समूह का कहना है कि नियामक गलत तरीके से इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि यह प्रवर्तक (सहारा समूह) बीमा कारोबार के लायक और उपयुक्त नहीं रह गया है और 78 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गयी है. बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण इरडा ने 28 जुलाई के अपने आदेश के बाद सहारा समूह ने एक बयान में कहा कि सहारा लाइफ के कारोबार को गलत तरीके से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल को सौंपा जा रहा है.
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समूह ने कहा, सहारा लाइफ 2004 से कारोबार कर रही है और पिछले सात साल से लगातार लाभ कमा रही है. साथ ही सभी नियामकीय नियमों और इरडा के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कर रही है. बयान के अनुसार सहारा लाइफ की संपत्ति उसकी देनदारी से अधिक है और किसी भी पॉलिसीधारक को भुगतान नहीं करने का एक भी मामला नहीं आया है.
सहारा समूह ने आरोप लगाया, हालांकि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इरडा ने सहारा लाइफ के कारोबार को बीमा कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल को सौंपने का फैसला किया. बयान में कहा गया है, कंपनी ने कभी भी बीमाधारकों के हित के खिलाफ काम नहीं किया. सहारा समूह इसका उपाय करेगा और इरडा के रूख के खिलाफ अदालत में जाएगा.
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बीमा नियामक ने शुक्रवार को निजी क्षेत्र की आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस आईप्रू को सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस का कारोबार 31 जुलाई से संभालने को कहा है. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि नियुक्ति की तारीख से एक साल में प्रणाली समन्वित हो जाए.
सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत राय ने इरडा के चेयरमैन से 24 जुलाई को मुलाकात की थी और संकट के समाधान के लिये और समय मांगा था. आईसीआईसीआई प्रू ने उसी दिन कंपनी के अधिग्रहण के लिये मूल्यांकन रिपोर्ट नियामक को सौंपी. पिछले महीने इरडा ने कामकाज संबंधी मुद्दों को लेकर सहारा लाइफ को चलाने के लिये प्रशासक नियुक्त किया था.