सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय की परोल को 17 अप्रैल तक बढ़ाते हुए आदेश दिया है कि सहारा समूह अपनी संपत्ति बेचकर कम से कम 5,092.6 करोड़ रुपये जमा कराए. यह रकम समूह को 7 अप्रैल तक कोर्ट में जमा करानी है जिसके बाद कोर्ट सुब्रत राय की जमानत पर सुनवाई कर सकती है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी की शुरुआत में सहारा समूह की अम्बे वैली में 39,000 करोड़ की प्राइम प्रॉपर्टी को अटैच कर लिया था. सुब्रत राय को 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने जेल भेज दिया था. सहारा पर लगभग 3 करोड़ छोटे निवेशकों का बकाया है.
गौरतलब है कि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय ने अपने तथाकथिक 3 करोड़ निवेशकों से 24,000 करोड़ रुपये नियमों की अनदेखी कर जुटाए. पकड़े गए, तो मामला कानूनी दांव-पेंच में पड़ा. कोर्ट को जैसे ही समझ आया कि सुब्रत राय का इरादा पैसे लौटाने का नहीं है, उन्हें सलाखों के पीछे ढ़केल दिया था.
दो साल तक सुब्रत राय दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहे. अदालत ने सहारा प्रमुख की बेल के लिए 10,000 करोड़ रुपये जमा कराने की शर्त रखी थी. फिर उनकी मां के निधन के बाद सुब्रत राय को कोर्ट ने पेरोल पर छोड़ दिया जिसकी मियांद तब से लगातार बढ़ रही है.