सुप्रीम कोर्ट ने BS-4 वाहनों की बिक्री की इजाजत देने संबंधी याचिका पर सख्त रुख दिखाया है. कोर्ट ने कहा कि वह ऐसे वाहनों को वापस लेने का आदेश क्यों पारित करे? निर्माताओं को इसकी डेडलाइन पता थी, तो उन्हें इसको वापस लेना चाहिए. इस मामले की अगली सुनवाई अब 31 जुलाई को होगी.
गौरतलब है कि देश में BS-6 वाहनों की बिक्री की शुरुआत और BS 4 वाहनों की बिक्री पर रोक के बारे में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों के रजिस्ट्रेशन के बारे में ब्योरा देने के लिए सरकार को और समय दिया है.
इसे भी पढ़ें: क्या वाकई शराब पर निर्भर है राज्यों की इकोनॉमी? जानें कितनी होती है कमाई?
क्या कहा FADA ने
FADA (Federation of Automobile Dealers Associations) की तरफ से वकील के.के विश्वनाथन ने कहा, 'हम डीलर हैं. हमारे पास काफी वाहन ऐसे बचे हुए हैं जिनकी बिक्री नहीं हुई है. हमें इस बात की इजाजत दी जाए कि हम यह वाहन मैन्युफैक्चरर्स को वापस कर सकें ताकि वे इसे दूसरे देशों को निर्यात कर दें. अफ्रीका में ऐसे कई देश हैं जहां अभी भी BS 4 वाहनों की बिक्री की इजाजत है.
क्या कहा कोर्ट ने
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम इस तरह का आदेश क्यों दें? मैन्युफैक्चरर्स को डेडलाइन तो पता होगी. उन्हें इन वाहनों को वापस लेना चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई तक टाल दी.
क्या है मसला
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी. इस बीच 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लागू हो गया. डीलरों के पास बड़ी संख्या में BS-4 टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर गाड़ियां बिक्री के लिए बची थीं. इसलिए डीलर बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.
इसे भी पढ़ें: 7 रुपये का शेयर 2 साल में 800 रुपये का, क्या पेनी स्टॉक में लगाना चाहिए पैसा?
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने डीलरों को 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को बेचने की परमिशन दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च के अपने आदेश में कहा था कि कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन के लिए दिल्ली-एनसीआर के अलावा देश के शेष हिस्सों में बीएस-4 वाहनों की बिक्री हो सकेगी. लेकिन यह बिक्री बचे हुए स्टॉक के केवल 10 फीसदी तक ही सीमित रहनी चाहिए.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को बीएस-4 वाहनों की बिक्री को लेकर 27 मार्च को दिया गया अपना आदेश वापस ले लिया था.