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EXCLUSIVE: स्वच्छता अभियान के पहले सर्वेक्षण पर लगी झाड़ू, फिर से होगा सर्वे

शहरी विकास मंत्रालय एक बार फिर नए सिरे से सर्वेक्षण शुरू करने जा रहा है. इस बार स्वच्छता के लिहाज से 75 शहरों की रैकिंग की जाएगी. एक तरह से देखा जाए तो इस अभियान के औपचारिक रूप से शुरू होने के बाद से यह पहला सर्वे होगा क्योंकि इसके पहले किए गए सर्वे में अकुशल सर्वेकर्ताओं और गलत रणनीति का इस्तेमाल समेत और भी तमाम कमियां थी.

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फिर से होगी स्वच्छता की रैकिंग
फिर से होगी स्वच्छता की रैकिंग

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दो अक्टूबर को किए गए स्वच्छ भारत अभियान की तमाम असफलताओं और 476 शहरों पर किए गए सर्वे के परिणाम को दरकिनार करते हुए शहरी विकास मंत्रालय एक बार फिर नए सिरे से सर्वेक्षण शुरू करने जा रहा है. इस बार स्वच्छता के लिहाज से 75 शहरों की रैकिंग की जाएगी.

एक तरह से देखा जाए तो इस अभियान के औपचारिक रूप से शुरू होने के बाद से यह पहला सर्वे होगा क्योंकि इसके पहले किए गए सर्वे में अकुशल सर्वेक्षणकर्ताओं और गलत रणनीति का इस्तेमाल समेत अौर भी तमाम कमियां थीं.

75 शहरों की रैकिंग
मोदी के इस अभियान को सही दिशा देने के लिए इस बार नई रैंकिग के साथ नया सर्वे क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) कराएगी. QCI की टीम में सर्वे के लिए इस बार 110 कुशल, प्रशिक्षित और अनुभवी सर्वेक्षणकर्ता 75 शहरों और नगरपालिका की जांच करेंगे. इसके साथ ही टीम के लोग इस शहर के सैनिटेशन और हाइजीन कंडीशन के बारे में भी जांच करेंगे. इन 75 शहरों में 53 ऐसे शहर भी होंगे, जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा है. इसके पहले किए गए सर्वे में 1 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहर शामिल थे.

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तीन चरणों में होगा सर्वे
स्वच्छ भारत रैंकिग के लिए किए जा रहा यह सर्वे तीन चरणों में होगा. इसमे पहला चरण 5 जनवरी 2016 से शुरू किया जाएगा. पिछली बार की गलतियों को फिर से न दोहराने के लिए QCI इस बार 27 नवंबर से अपने सर्वेक्षणकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रही है. इस सर्वे का परिणाम 'My Gov'वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा.

मिशन का उद्देश्य
QCI के सेकेटरी जनरल आरपी सिंह ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य समाज को स्वच्छ और स्वस्थ माहौल में रहने के महत्व के प्रति लोगों को जागरुक करना है. यह अभियान एक साल पूरे कर चुका है और इस दौरान कितने शहरों में स्वच्छता अभि‍यान कहां तक अपनी पहुंच बना पाया है, यह जानने के लिए हम यह सर्वे करा रहे है. इस बार यह सर्वे पक्षपात रहित और बेहतर हो इसके लिए 4 शहरों- नई दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद और पुणे में सर्वे करने वालों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

सर्वे करने वालों को मिलेंगे टैब
इस सर्वे को सही नतीजे तक पहुंचाने के लिए सर्वे करने वालों को आधुनिक टैब भी दिए जा रहे है. इसके साथ ही एक नया एप भी तैयार किया गया है जो इन सभी के टैब पर अपलोड होगा. पहले चरण में नगर पालिका से बातचीत करके डाटा जमा किया जाएगा. इस काम के लिए कम से कम 10 साल के अनुभवी सर्वेकर्ताओं को चुना जाएगा जो कई पैमानों पर स्वच्छता अभि‍यान से जुड़ी जानकारी यहां से जुटाएंगे. दूसरे चरण में प्रत्यक्ष विश्लेषण के आधार पर डाटा इकट्ठा किया जाएगा. वहीं तीसरे चरण में QCI शहर के नागरिकों को भी सर्वे में शामिल करेगी

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क्या रहे पहले सर्वे के नतीजे
हालांकि पहले के सर्वे को शहरी विकास मंत्रालय ने संज्ञान में नहीं लिया है लेकिन फिर भी यह जानना दिलचस्प है कि 476 शहरों में कौन-सी जगह सबसे आगे रही और कौन-सी पीछे. इस सर्वे के मुताबिक साफ सफाई के मामले में टॉप पर कर्नाटक का मैसूर शहर रहा. इसके अलावा कर्नाटक के तीन और शहरों ने भी टॉप टेन में जगह पाई है.

शहरी विकास मंत्रालय ने जिन 476 शहरों का सर्वे किया उसमें सबसे गंदा शहर है मध्य प्रदेश का दमोह जिसे 476वीं यानी आखिरी रैंकिंग मिली है. इस रैंकिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव क्षेत्र वाराणसी 418वें नंबर पर आया है. स्वच्छता अभियान में पश्चिम बंगाल के 25 शहरों ने टॉप 100 में जगह बनाकर साफ-सफाई का एक उदाहरण पेश किया है.

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