देशभर में आज से स्वच्छ भारत अभियान के लिए अलग से टैक्स सेस लालू हो गया है. इससे होटल, मोबाइल, जिम का बिल को महंगा हुआ ही...रेलवे और हवाई सफर की कीमत में भी इजाफा हो गया है. देश में सेवा कर के दायरे में आने वाली सभी सेवाएं इसके दायरे में होंगी.
मोबाइल सर्विस से लेकर रेल और हवाई सफर तक महंगा हो गया है. सरकार की ओर से लगाया गया स्वच्छ भारत सेस 15 नवंबर से लागू हो रहा है. इसके तहत सभी तरह के टैक्सेबल सर्विस पर अतिरिक्त टैक्स लगेगा.
रेलवे ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी कर दिया है. सर्कुलर के मुताबिक, फर्स्ट क्लास और सभी एसी क्लास के टिकट 4.35% महंगे हो जाएंगे. कितना महंगा होगा सफर दिल्ली से मुंबई जाने वाली मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों में एसी फर्स्ट का किराया करीब 206 रुपए बढ़ेगा. दिल्ली से हावड़ा जाने वाली इन्हीं ट्रेनों में थर्ड एसी का किराया करीब 102 रुपए बढ़ेगा. इसी तरह, दिल्ली-चेन्नई रूट पर सेकंड एसी में सफर करने पर सर्विस टैक्स और स्वच्छ भारत सेस मिलाकर 140 रुपए ज्यादा देने होंगे.
फोन पर बात, बाहर खाना सब महंगा
क्लीन इंडिया सेस का रेट 0.5% होगा. यह सेस उन सभी सर्विसेस पर लागू होगा, जिन पर अभी सर्विस टैक्स लगता है. इससे रेल टिकट, फोन बिल, सिनेमा टिकट, होटल में खाना समेत सभी सर्विस महंगी हो जाएंगी. हालांकि जिन सर्विसेस का पेमेंट 15 नवंबर से पहले हो चुका है उनके लिए अतिरिक्त पैसे नहीं देने होंगे. यानी अगर आपने 15 नवंबर या इसके बाद रेल या हवाई यात्रा के लिए पहले से टिकट ले रखा है तो आपको ज्यादा पैसे नहीं चुकाने पड़ेंगे.
सर्विस टैक्स की ही तरह क्लीन इंडिया सेस पर भी अबेटमेंट या छूट के नियम लागू होंगे. जैसे रेस्तरां बिल में 60% हिस्से पर छूट मिलती है. यानी बिल के 40% हिस्से पर ही सर्विस टैक्स लगता है. यह पूरे बिल का 5.6% बैठता है. सेस समेत यह 5.8% हो जाएगा. इसी तरह पेनाल्टी के जो नियम सर्विस टैक्स पर लागू होते हैं, वे स्वच्छ भारत सेस पर भी लागू होंगे. हालांकि सर्विस टैक्स की तरह कारोबारियों को इस पर सेनवैट क्रेडिट नहीं मिलेगा.
इस मद से आने वाले पैसे पूरी तरह से स्वच्छ भारत अभियान पर खर्च होंगे. स्वच्छ भारत सेस से आएंगे 400 करोड़ रुपए यह सेस सर्विस टैक्स की वर्तमान रेट 14 फीसदी के ऊपर लगेगा. इससे सरकार के पास वर्तमान फाइनेंशियल ईयर के बाकी बचे महीनों महीनों के दौरान लगभग 400 करोड़ रुपए आएंगे.
सरकार ने कहा है कि गंदी आबोहवा के कारण मलेरिया, डेंगू, डायरिया, पीलिया, हैजा जैसी कई सारी बीमारियां होती हैं. इससे स्वास्थ्य पर हमारा खर्च काफी बढ़ जाता है. सरकार के अनुमानों के अनुसार, स्वास्थ्य पर खर्च सालाना 6,700 करोड़ रुपए बढ़ता जा रहा है. स्वच्छ भारत अभियान के लिए अधिक आवंटन से इन बीमारियों से बचना संभव होगा और इसका लाभ सभी नागरिकों को मिलेगा.
हर नागरिक का योगदान होगा सुनिश्चित
सरकार ने साफ किया है कि स्वच्छ भारत सेस एक और टैक्स नहीं, बल्कि इससे स्वच्छ भारत अभियान में हर नागरिक का योगदान सुनिश्चित होगा. सरकार ने कहा है कि भारत 120 करोड़ से अधिक आबादी वाला देश है. इतने बड़े देश में सफाई के बारे में हमारी अपनी चिंताएं हैं और उन चिंताओं को दूर करने के लिए हमारी उपयुक्त कोशिशें भी होनी चाहिए. वास्तव में, जिन लोगों पर देश को साफ रखने की जिम्मेदारी है, वे लगातार संघर्ष कर रहे हैं. इसलिए यह सेस लगाने की हमें जरूरत पड़ी है.